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Showing posts from October, 2019

देव गुरु बृहस्पति बदलेगें अपना घर...5 नवंबर को धनु राशि में प्रवेश करेंगें

देव गुरु बृहस्पति बदले गें  अपना घर... 5 नवंबर को  धनु राशि में प्रवेश करेंगें देवताओं के गुरु और नवग्रहों के मंत्री बृहस्पति 5 नवंबर को धनु राशि में प्रवेश करेंगें।    धनु राशि में पहले से ही विराजमान केतु और शनि के कारण वृहस्पति गुरुचांडाल योग भी बना रहे हैं, जिससे कई तरह की समस्याओं से जूझना होगा। गुरु के धनु राशि में जाने से महिलाओं को ज्यादा संघर्ष करना होगा। कर्क, धनु और मीन राशि में गुरु सर्वाधिक शक्तिशाली होते हैं।  जनवरी से शनि भी मकर के हो जाएंगे।  आइए और जानिए ज्योतिषविद् एवं कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास से बृहस्पति  का धनु राशि में प्रवेश विभिन्न राशियों  को किस तरह का फल  प्रदान करेगा । बृहस्पति ग्रह 5 नवंबर 2019, मंगलवार 00:03 बजे अपनी राशि धनु में गोचर करेगा और 29 मार्च 2020, रविवार रात्रि 19:08 बजे तक इसी राशि में स्थित रहेगा।  ज्योतिष के अंतर्गत नवग्रहों में  बृहस्पति  को देवताओं का गुरु कहा गया है और ग्रहों के मंत्रिमंडल में इन्हें मंत्री का पद प्राप्त है।ये नैसर्गिक रूप से सबसे शुभ ग्रह ...

संघर्ष के बाद मिलती है मंजिल

संघर्ष के बाद मिलती है मंजिल रंजीता  व्यास   लेखिका मंजिल की ओर बढ़ते कदमों को संघर्ष के डर से रोकना समझदारी नहीं होती है। कई बार लोग रास्ते में आने वाली रुकावटों से घबराकर अपना रास्ता बदल देते हैं। ऐसे में वह न सिर्फ अपनी मंजिल से दूर हो जाते हैं, बल्कि उनका आत्मविश्वास भी हिल जाता है। कई बार ऐसे लोग जीवन में कभी मुश्किल फैसला नहीं ले पाते हैं। शीर्ष पर पहुंचने वाले हर शख्स ने जीवन में कभी न कभी कोई मुश्किल जरूर देखी होगी। लगभग हर सफल इनसान का कहना है कि मुश्किलें इनसान को मजबूत बनाती हैं। यकीन नहीं आता तो इस कहानी को पढ़ लीजिए  एक बार एक मूर्ति बनाने वाला जंगल की तरफ जा रहा था, उसने देखा की रास्ते में एक पत्थर पड़ा हुआ है। मूर्तिकार ने सोचा की यह पत्थर मूर्ति बनाने के लिए बहुत अच्छा है। लिहाजा उसने जैसे ही मूर्ति बनाने के लिए पत्थर पर पहला प्रहार किया, पत्थर से आवाज़ आई, नहीं-नहीं मुझे मत काटो मुझे छोड़ दो, मुझ पर इन औजारों से प्रहार मत करो। मूर्तिकार ने सोचा, चलो इस पत्थर को छोड़ देते हैं और वो आगे बढ़ गया। आगे मूर्तिकार को एक बड़ा सा पत्थर मिला, मूर्तिकार न...

दीपावली पर करे मां लक्ष्मी का पूजन...पाएं आर्थिक समृद्धि !!

दीपावली पर करे मां लक्ष्मी का पूजन...पा एं  आर्थिक समृद्धि !! अनीष व्यास  वरिष्ठ  पत्रकार कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला खुशियों और रोशनी का त्योहार दीपावली हिंदू धर्म का सबसे बड़ा और प्राचीन त्योहार है। यह त्योहार मां लक्ष्मी के सम्मान में मनाया जाता है। कुछ जगहों पर इस त्योहार को नए साल की शुरुआत भी माना जाता है। दीपोत्सव से कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। यह त्योहार भगवान राम और माता सीता के 14 वर्ष के वनवास के बाद घर आगमन की खुशी में मनाया जाता है। कथाओं के अनुसार दीपावली के दिन ही भगवान विष्णु ने नरसिंह रूप धारण कर हिरण्यकश्यप का वध किया था। यह भी कहा जाता है कि जब भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया तब ब्रजवासियों ने इस दिन दीप प्रज्ज्वलित कर खुशियां मनाईं। जैन धर्म के लोग इस त्योहार को भगवान महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं। दीपावली की रात को इस रूप में जाना जाता है कि मां लक्ष्मी ने पति के रूप में भगवान विष्णु को चुना और फिर उनसे विवाह किया। दीपावली का त्योहार भगवान विष्णु के वैकुंठ में वापसी के दिन के रूप में भी मनाया जाता है। यह भ...

किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए बनाए अपनी रणनीति

किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए बनाए अपनी रणनीति रंजीता  व्यास   लेखिका हर व्यक्ति के पास दिन के 24 घंटे होते हैं लेकिन किसी के लिए यह वक्त बहुत कम होता है तो कोई इन्हीं घंटों में अपना काम निपटा लेता है। आप अपने दिन को कैसे मैनेज करते हैं, यह आपकी कामयाबी की दिशा में सबसे अहम पहलू है। किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए आपको सही रणनीति बनानी बहुत जरुरी है। अपने लक्ष्य के अनुसार ही आपको अपनी प्राथमिकताएं चुननी होती है। आज हम आपको ऐसे टिप्स के बारे में बताएंगे, जो आपकी रणनीति बनाने में बेहद कारगर साबित होंगे-  टाइम टेबल बनाना  आप कॉलेज, कोचिंग या ऑफिस कहीं भी जाते हैं, अगर आपने कोई लक्ष्य रखा है, तो सबसे पहले अपना टाइम टेबल बनाएं। आप अपने 24 घंटे को किस हिसाब से मैनेज करते हैं, यह बेहद जरुरी है। आप पेपर या मोबाइल चेक लिस्ट में टाइम टेबल सेव कर सकते हैं।  नींद पूरी करें  आप अपनी प्राथमिकताओं में नींद को भी जोड़ लें। आपके पास काम निपटाने के अलावा जितना भी टाइम बचता है, उसमें अपनी नींद पूरी कर लें। नींद न लेने की वजह से आपका दिमाग सही से काम नहीं कर पाएगा...

सौभाग्य वृद्धि के लिए धनतेरस पर करें मां लक्ष्मी का पूजन

सौभाग्य वृद्धि के लिए धनतेरस पर करें मां लक्ष्मी का पूजन रोग एवं शोक से मुक्ति दिलाता है यमदीप अनीष व्यास   ज्योतिषविद् एवं कुण्डली विश्ल़ेषक कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धन की देवी के उत्सव का प्रारंभ होने के कारण इस दिन को धनतेरस के नाम से जाना जाता है। धनतेरस को धन त्रयोदशी व धन्वन्तरी त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। धनतेरस पर पांच देवताओं , गणेश जी , मां लक्ष्मी , ब्रह्मा , विष्णु और महेश की पूजा होती है।   ऐसी मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय कलश के साथ माता लक्ष्मी का अवतरण हुआ उसी के प्रतीक के रूप में ऐश्वर्य वृद्धि , सौभाग्य वृद्धि के लिए बर्तन खरीदने की परम्परा शुरू हुई। औषधियों के जनक भगवान धनवंतरी की जयंती यानी धनतेरस का पर्व इस बार  25 अक्टूबर   को मनाया जाएगा। कहा जाता है कि समु्द्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरी और मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था , यही वजह है कि धनतेरस को भगवान धनवंतरी और मां लक...