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Showing posts from September, 2019

समा के चावल का डोसा

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समा के चावल का डोसा रंजीता अनीष व्यास की रसोई में आपका हार्दिक स्वागत है। स्वाद भरी दुनिया ग्रुप आप सभी के लिए है। आप सभी नई नई स्वादिष्ट डिश बनाई है और स्वाद भरी दुनिया ग्रुप में भेजिए। शारदीय नवरात्र आरंभ हो गए हैं। हिंदू धर्म में नवरात्रों का बहुत बड़ा महत्व है। नवरात्री के दौरान मां दुर्गा के भक्त पूरे 9 दिन उपवास रखकर उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। नवरात्री के व्रत में लोग अपने फलाहार में आलू, समा के चावल जैसी चीजों को शामिल करते हैं। अगर आप नवरात्रों के व्रत में आलू खाते-खाते बोर हो गए हैं तो इस बार ट्राई करें नवरात्रि की ये स्पेशल रेसिपी- समा के चावल का डोसा। आइए जानते हैं कैसे बनाया जाता है ये क्रिस्पी डोसा। सामग्री- 200 ग्राम समा के चावल 1 चम्मच कालीमिर्च पाउडर 1 चम्मच सौंफ पाउडर बारीक कटा हुआ धनिया हरी मिर्च 1 चम्मच तेल पाव कटोरी नारियल (कसा हुआ) सेंधा नमक स्वादानुसार तेल (तलने के लिए)   विधि-  समा के चावल का डोसा बनाने के लिए सबसे पहले समा के चावलों को साफ करके अच्छे से धो लें। चावलों को पानी से धोने के बाद करीब आधा घंटा पान...

महाशक्ति की आराधना का पर्व है नवरात्रि

महाशक्ति की आराधना का पर्व है नवरात्रि अनीष   व्यास   स्वतंत्र   पत्रकार महाशक्ति की आराधना का पर्व है नवरात्रि। तीन हिंदू देवियों - पार्वती, लक्ष्मी और सरस्वती के नौ विभिन्न स्वरूपों की उपासना के लिए निर्धारित है, जिन्हें नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है। पहले तीन दिन पार्वती के तीन स्वरूपों की अगले तीन दिन लक्ष्मी माता के स्वरूपों और आखिरी के तीन दिन सरस्वती माता के स्वरूपों की पूजा करते हैं। दुर्गा सप्तशती के अन्तर्गत देव दानव युद्ध का विस्तृत वर्णन है। इसमें देवी भगवती और मां पार्वती ने किस प्रकार से देवताओं के साम्राज्य को स्थापित करने के लिए तीनों लोकों में उत्पात मचाने वाले महादानवों से लोहा लिया इसका वर्णन आता है। यही कारण है कि आज सारे भारत में हर जगह दुर्गा यानि नवदुर्गाओं के मन्दिर स्थपित हैं। साल में दो बार आश्विन और चैत्र मास में नौ दिन के लिए उत्तर से दक्षिण भारत में नवरात्र  उत्सव का माहौल होता है। सम्पूर्ण दुर्गासप्तशती का अगर पाठ न भी कर सकें तो निम्नलिखित श्लोक का पाठ को पढ़ने से सम्पूर्ण दुर्गासप्तशती और नवदुर्गाओं के पूजन का फल प्राप...

नवरात्रि मे सिमटा है जीवन का हर पहलू

  नवरात्रि   मे सिमटा है जीवन का हर पहलू अनीष   व्यास   स्वतंत्र   पत्रकार भारत में नवरात्रि को पर्व के रूप में मनाया जाता है। सबसे ज्यादा लोकप्रिय शारदीय नवरात्रि है , जोकि वर्तमान समय में पूरे देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है।   शायद ही किसी को पता हो कि एक वर्ष में 4 नवरात्रि होते हैं। प्रत्येक नवरात्रि के अलग - अलग महत्व होते हैं। देवी पुराण में ऐसा कहा गया है   कि साल भर में मुख्य रुप से नवरात्र का त्योहार 2 बार आता है। नवरात्र शब्द   दो शब्दों से मिलकर बना है - नव और रात्र। नव का अर्थ    है नौ और रात्र शब्द में पुनः दो शब्द निहित हैं : रा + त्रि। रा का अर्थ है रात और त्रि का अर्थ है जीवन के तीन पहलू - शरीर , मन और आत्मा।   इंसान को तीन तरह की समस्याएं घेर सकती हैं - भौतिक , मानसिक और आध्यात्मिक। इन समस्याओं से जो छुटकारा दिलाती है वह रात्रि है। रात्रि या रात आपको दुख से मुक्त...