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Showing posts from February, 2019

भगवान शिव और उनके रहस्य...!!

भगवान शिव और उनके रहस्य...!! अनीष व्यास  स्वतंत्र पत्रकार  भगवान शिव अर्थात पार्वती के पति शंकर जिन्हें महादेव, भोलेनाथ, आदिनाथ आदि कहा जाता है, उनके बारे में यहां प्रस्तुत हैं 35 रहस्य। 1. आदिनाथ शिव : - सर्वप्रथम शिव ने ही धरती पर जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया इसलिए उन्हें 'आदिदेव' भी कहा जाता है। 'आदि' का अर्थ प्रारंभ। आदिनाथ होने के कारण उनका एक नाम 'आदिश' भी है। 2. शिव के अस्त्र-शस्त्र : - शिव का धनुष पिनाक, चक्र भवरेंदु और सुदर्शन, अस्त्र पाशुपतास्त्र और शस्त्र त्रिशूल है। उक्त सभी का उन्होंने ही निर्माण किया था। 3. शिव का नाग : - शिव के गले में जो नाग लिपटा रहता है उसका नाम वासुकि है। वासुकि के बड़े भाई का नाम शेषनाग है। 4. शिव की अर्द्धांगिनी : - शिव की पहली पत्नी सती ने ही अगले जन्म में पार्वती के रूप में जन्म लिया और वही उमा, उर्मि, काली कही गई हैं। 5. शिव के पुत्र : - शिव के प्रमुख 6 पुत्र हैं- गणेश, कार्तिकेय, सुकेश, जलंधर, अयप्पा और भूमा। सभी के जन्म की कथा रोचक है। 6. शिव के शिष्य : - शिव के 7 शिष्य हैं जि...

जनेऊ क्या है और महत्वता..

जनेऊ क्या है और महत्वता... लक्ष्मी शर्मा  स्वतंत्र पत्रकार  भए कुमार जबहिं सब भ्राता...दीन्ह जनेऊ गुरु पितु माता॥ यज्ञोपवीत संस्कार 96ब्राम्हण के लिए है 92क्षत्रिय लगभग90/86 वैश्य और ८४ शूद्र की लंबाई । जनेऊ क्या है : आपने देखा होगा कि बहुत से लोग बाएं कांधे से दाएं बाजू की ओर एक कच्चा धागा लपेटे रहते हैं। इस धागे को जनेऊ कहते हैं। जनेऊ तीन धागों वाला एक सूत्र होता है। जनेऊ को संस्कृत भाषा में ‘यज्ञोपवीत’ कहा जाता है। यह सूत से बना पवित्र धागा होता है, जिसे व्यक्ति बाएं कंधे के ऊपर तथा दाईं भुजा के नीचे पहनता है। अर्थात इसे गले में इस तरह डाला जाता है कि वह बाएं कंधे के ऊपर रहे। तीन सूत्र क्यों : जनेऊ में मुख्यरूप से तीन धागे होते हैं। यह तीन सूत्र देवऋण, पितृऋण और ऋषिऋण के प्रतीक होते हैं और यह सत्व, रज और तम का प्रतीक है। यह गायत्री मंत्र के तीन चरणों का प्रतीक है।यह तीन आश्रमों का प्रतीक है। संन्यास आश्रम में यज्ञोपवीत को उतार दिया जाता है। नौ तार : यज्ञोपवीत के एक-एक तार में तीन-तीन तार होते हैं। इस तरह कुल तारों की संख्या नौ होती है। एक मुख...

महिलाएं क्यों नहीं फोड़ती नारियल...!!

महिलाएं क्यों नहीं फोड़ती नारियल...!! अनीष व्यास   स्वतंत्र पत्रकार  अधिकतर शुभ कार्यों एवं धार्मिक कार्यों में नारियल का प्रयोग किया जाता है। बिना नारियल के पूजा को अधूरा माना जाता है। नारियल से शारीरिक दुर्बलता भी दूर होती है। लेकिन स्त्रियों को पूजा से संबधित कार्यो में कभी भी नारियल नहीं फोड़ना चाहिए। नारियल को श्रीफल के नाम से भी जाना जाता है।भगवान विष्णु जब पृथ्वी में प्रकट हुए तब स्वर्ग से वे अपने साथ तीन विशेष भी लाए। जिनमें पहली थीं माता लक्ष्मी, दूसरी वे अपने साथ कामधेनु गाय लाए थे तथा तीसरी व आखरी चीज थी नारियल का वृक्ष। क्योंकि यह भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी का फल है यही कारण है कि, इसे श्रीफल के नाम से जाना जाता है। इसमें त्रिदेवो ब्रह्मा, विष्णु तथा महेश का वास होता है।  महादेव शिव को श्रीफल अर्थात नारियल अत्यन्त प्रिय है तथा श्रीफल में स्थित तीन नेत्र भगवान शिव के त्रिनेत्रों को प्रदर्शित करते है। देवी देवताओं को श्री फल चढ़ाने से धन संबंधित समस्याओं का समाधान होता है। हमारे हिन्दू सनातन धर्म के हर पूजा में श्रीफल अर्थात नारियल का महत्व...

दाना मेथी की सब्जी

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दाना मेथी की सब्जी रं जीता अनीष व्यास की रसोई में आपका हार्दिक स्वागत है। स्वाद भरी दुनिया ग्रुप आप सभी के लिए है। आप सभी नई नई स्वादिष्ट डिश बनाई है और स्वाद भरी दुनिया ग्रुप में भेजिए।  दाना मेथी  की सब्जी का जायका है हि इतना खास कि इसे गुजरात और राजस्थान में बड़े चाव से खाया जाता है। दाना मेथी से बनने वाली इस सब्जी का कॉम्बिनेशन रोटी और चावल दोनों के साथ गजब का बैठता है।   बॉडी का कैलोस्ट्रोल लेवल और बल्ड शुगर नियंत्रित रखने वाली दाना मेथी की यह सब्जी बनने में भी बहुत आसान है।  सामग्री  मेथीदाना आधा कप कच्चा आम / कैरी  1 बड़ी तेल 1 चम्मच नमक स्वादानुसार धनिया पाउडर 1 चम्मच हल्दी 1/4 चम्मच लाल मिर्च पाउडर 1/2 छोटी चम्मच हरी मिर्च 1 हींग - 2 पिंच जीरा पाउडर - ½ छोटी चम्मच अमचूर पाउडर - ½ छोटी चम्मच लाल मिर्च पाउडर - ½ छोटी चम्मच  विधि  मेथी दाना को रात भर के लिए या 4-5 घंटे के लिए भिगो दें। फिर पानी छान कर 2 गिलास पानी डाल कर 5 मिनट के लिए उबाल लें। तब तक कैरी को छील कर छोटे टुकड़ों में काट ले। कड़ाही में तेल गरम करके जी...

केर सांगरी- राजस्थान की प्रसिद सब्ज़ी

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केर सांगरी- राजस्थान की प्रसिद सब्ज़ी रं जीता अनीष व्यास की रसोई में आपका हार्दिक स्वागत है। स्वाद भरी दुनिया ग्रुप आप सभी के लिए है। आप सभी नई नई स्वादिष्ट डिश बनाई है और स्वाद भरी दुनिया ग्रुप में भेजिए।  केर सांगरी सब्जी और पंचकुटा एक शाही सब्जी है। केर सांगरी और कुमटिया की तुलना सूखे मेवों से की जाती है। ये रेगिस्तान में उगने वाले विशेष प्रकार के पौधों पर लगने वाले फल हैं।  केर संगरी एक बेहद स्वादिष्ट सब्ज़ी है।  केर का पौधा काँटों वाला होता है। केर शुरू में कड़वे स्वाद का होता है जिसे नमक के पानी में भिगोकर रखा जाता है। जिससे उसका कड़वापन निकल जाता है। फिर इसे सुखाया जाता है और वर्ष भर सब्जी या  अचार    के रूप में उपयोग में लाया जाता है।  सांगरी की फली खेजड़ी के पेड़ पर लगती है। हरी कच्ची फलियों को तोड़कर उबालकर सुखा लिया जाता है जिसकी सब्जी बनाई जाती है। पकने के बाद यह पेड़ से गिर जाती हैं जिन्हें खोखा के नाम से जाना जाता है। ये स्वादिष्ट होती हैं और बच्चे बड़े चाव से इन्हें खाते हैं।  केर सांगरी एक पारंपरिक तीखी स...