राजस्थान में सरकार बदलने का ट्रेंड बरकरार
राजस्थान में सरकार बदलने का ट्रेंड बरकरार
अनीष व्यास
स्वतंaaaaत्र पत्रकार
प्रदेश में हर पांच
साल पर कांग्रेस और भाजपा के बारी-बारी से सत्ता में आने की परंपरा रही है। राजस्थान
विधानसभा चुनाव के रुझानों में कांग्रेस फिर बहुमत का आंकड़ा पार कर चुकी है। कांग्रेस
104 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि बीजेपी 68 सीटों, बीएसपी 5 सीटों, सीपीएम
2 समेत अन्य 27 सीटों पर आगे चल रही हैं । अभी तक बीजेपी और कांग्रेस को 4-4 सीटों
पर और अन्य को 2 सीट पर जीत मिल चुकी है। वहीं अन्य उम्मीदवार निर्णायक भूमिका में
हैं और 25 सीटें ऐसी हैं, जहां अन्य उम्मीदवार आगे चल रहे हैं।राज्य में इस बार कांग्रेस
की तरफ से सचिन पायलट और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सीएम कैंडिडेट माने जा रहे हैं।
दोनों ही इस बार चुनाव मैदान में थे। इनके अलावा कांग्रेस से रमेश डूडी के नाम की भी
चर्चा है।
राजस्थान की
199 सीटों पर इस बार 74.08% मतदान हुआ था। राज्य में पिछली बार (75.67%) से
1.52% कम वोटिंग हुई। राज्य के 7 एग्जिट पोल्स में कांग्रेस को आगे दिखाया गया था।
सिर्फ एक एग्जिट पोल में भाजपा के आगे रहने का अनुमान लगाया गया था।
कांग्रेस की बढ़त को
लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि मुख्यमंत्री का मामला आपके सामने
नहीं कहूंगा और यह राहुल गांधी की मेहनत है। साथ ही गहलोत आश्वस्त हैं कि प्रदेश में
कांग्रेस की सरकार बनेगी।साथ ही गहलोत ने कहा,'अगर निर्दलीय हमारे साथ आएं तो स्वागत
और बहुमत होने पर भी गैर बीजेपी दलों का स्वागत किया जाएगा. बीजेपी ने बिना मुद्दे
के चुनाव लड़ा और राजस्थान में कांग्रेस को जनादेश मिला।
वहीं सचिन पायलट ने
कहा कि राजस्थान में पूर्ण बहुमत से सरकार बनेगी और उन्होंने आशीर्वाद के लिए जनता
का शुक्रिया अदा किया। साथ ही पायलट ने कहा, 'मुख्यमंत्री पद पर फैसला आलाकमान की ओर
से किया जाएगा. हमनें राहुल के नेतृत्व में 5 साल काम किया है और राहुल जी के लिए तोहफे
की तरह है।
सुबह 8 बजे मतगणना
शुरू हुई और 9 बजे तक शुरुआती रुझान में कांग्रेस को बढ़त मिलती दिखी तो कांग्रेस के
प्रदेश मुख्यालय के साथ-साथ पार्टी प्रदेशाध्यक्ष के जालूपुरा स्थित निवास व पूर्व
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निवास पर कार्यकर्ताओं की भीड़ दिखी। लोगों ने जोश में नारे
लगाए व पटाखे फोड़े।
हालांकि बाद में
11 बजे तक कांग्रेस की शुरुआती बढ़त उतनी मजबूत नहीं रही और बीजेपी मुकाबले में आती
दिखी। इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जोश जरूर कम हुआ लेकिन वे उत्साहित थे। वहीं बीजेपी
का प्रदेश मुख्यालय सुबह से ही खाली-खाली दिखा और वहां कार्यकर्ताओं का हुजूम नहीं
दिखा। लगभग 11.15 बजे मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व प्रदेशाध्यक्ष मदन लाल सैनी मुख्यालय
पहुंचे।
राजस्थान में कुल 200 सीटें हैं, इसमें से 199 सीटों पर चुनाव हुए थे. एक उम्मीदवार की मौत हो जाने के कारण 1 सीट पर मतदान नहीं कराया जा सका था. ताजा आंकड़ों के मुताबिक कांग्रेस और उसके साथी 101 सीटों पर आगे हैं. वहीं, बीजेपी 74 सीटों पर आगे चल रही है. राजस्थान में 24 सीटों पर निर्दलीय और छोटी पार्टियों के उम्मीदवार आगे हैं जिससे तय है कि बीजेपी से नाराजगी वाले सारे वोट कांग्रेस को ट्रांसफर नहीं हुए हैं. अगर ऐसा होता तो कांग्रेस को प्रचंड बहुमत मिल सकता था.
दूसरा, ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि राजस्थान में बीजेपी का सूपड़ा साफ हो जाएगा, वैसा भी होता नहीं दिख रहा है. रुझानों को देखकर तो ऐसा लग रहा है कि अगर पार्टी ने वसुंधरा का साथ दिया होता तो तस्वीर थोड़ी और बेहतर होती. मोदी अपनी जनसभाओं में कांग्रेस, राहुल, नीम कोटेड यूरिया की बात करते रहे, लेकिन वसुंधरा के नाम से परहेज किया. अमित शाह ने तो भरे मंच से कह दिया था कि वसुंधरा आपने काम किया है, लेकिन अपना काम बता नहीं पाईं. राजस्थान में कांग्रेस को सीटें भले ही ज्यादा मिलती दिख रही हैं, लेकिन दोनों के वोट प्रतिशत में मामूली अंतर है. कांग्रेस को 39.2 फीसदी मत मिले हैं वहीं बीजेपी को 38.5 फीसदी वोट मिले हैं.
वहीं कांग्रेस नेता
गहलोत व सचिन पायलट ने संवाददाताओं से बातचीत की। दोनों नेताओं ने कहा कि अंतिम परिणाम
आने का इंतजार किया जाए लेकिन विश्वास जताया कि राज्य में कांग्रेस पूर्ण बहुमत के
साथ सरकार बनाएगी।
इसी बीच राजस्थान कांग्रेस
के अध्यक्ष सचिन पायलट ने यह बयान दिया है कि 'हम पूर्ण बहुमत की ओर बढ़ रहे हैं और
मुझे यकीन है कि आखिरी संख्या में एक बार यह स्पष्ट हो जाएगा, लेकिन फिर भी हम सभी
समान विचारधारा और भाजपा विरोधी भाजपा पार्टियों का स्वागत करते हैं और हम संपर्क में
हैं।'
वहीं सचिन पायलट ने
बीजेपी पर वार करते हुए यह कहा है कि कांग्रेस राजस्थान में सरकार बनाने जा रही है, बीजपी इसके
लिए जोड़-तोड़ करने की कोशिश न करे। सचिन पायलट की बात करें तो तो पायलट को साल
2014 में राजस्थान कांग्रेस की कमान सौंपी गई। उन्हें कांग्रेस
ने प्रदेश अध्यक्ष पद को संभालने को कहा गया।प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर कांग्रेस ने
उन्हें अहम जिम्मेदारी दी है। वहीं, लोकसभा चुनाव 2014 में शिकस्त खाने के बाद वह
2018 में विधानसभा चुनाव के मैदान में उतर गए हैं। सचिन पायलट यहां टोंक विधानसभा सीट
से नामांकन कराया है। सचिन पायलट कांग्रेस के युवा नेता है. वहीं, इस बार सचिन पायलट
को ही कांग्रेस समर्थक अपना सीएम उम्मीदवार मान रहे हैं। वहीं बीजेपी की बात करें तो
जीत को लेकर इतनी आश्वस्त नजर आ रही है कि पार्टी ने बीजेपी ने सभी प्रत्याशियों को
जीतने के बाद तुरंत जयपुर पहुंचने के निर्देश भी दे दिए हैं। यहां तक वसुंधरा राजे
खुद भी पार्टी कार्यालय पहुंच चुकी है।
इस बार राजस्थान में
अन्य भी निर्णायक भूमिका में नजर आ रहे हैं। इन उम्मीदवारों में किशनगढ़ से सुरेश टाक
(निर्दलीय), खंडेला से महादेव सिंह खंडेला, खींवसर से हनुमान बेनिवाल, गंगापुर से रामकेश,
थानागाजी से कान्ति प्रसाद, दूदू से बाबूलाल नागर, नगर से वाजिब अली, फलौदी से कुम्भसिंह,
बस्सी से लक्ष्मण मीणा, बहरोड़ से बलजीत यादव, भरतपुर से दलवीर सिंह, भादरा से बलवान
पूनियां, भोपालगढ़ से पुखराज, मेड़ता से इन्दिरा देवी, श्रीडूंगरगढ़ से गिरधारीलाल,
सिरोही से संयम लोढ़ा का नाम शामिल है।
25 साल से ट्रेंड
: हर चुनाव में बदलती है सरकार
1993 : भाजपा ने 38.60% और 95 सीटें लेकर सत्ता में वापसी की। कांग्रेस को 76 सीटें मिलीं।
1998 : कांग्रेस ने 44.95% वोट लिए। 153 सीटें जीतकर सरकार बनाई। भाजपा को 120 सीटें मिलीं।
2003 : भाजपा ने 39.20% वोट लेकर कांग्रेस को सत्ता से निकाला। भाजपा को 120, कांग्रेस को 56 सीटें मिलीं।
2008 : कांग्रेस ने 36.82% वोट लिए और 96 सीटें जीतकर सरकार बनाई। भाजपा को 78 सीटें मिलीं।
2013 : मोदी लहर में भाजपा ने 46.05% वोट और 163 सीटें लेकर कांग्रेस को 21 सीटों पर समेटा।
1993 : भाजपा ने 38.60% और 95 सीटें लेकर सत्ता में वापसी की। कांग्रेस को 76 सीटें मिलीं।
1998 : कांग्रेस ने 44.95% वोट लिए। 153 सीटें जीतकर सरकार बनाई। भाजपा को 120 सीटें मिलीं।
2003 : भाजपा ने 39.20% वोट लेकर कांग्रेस को सत्ता से निकाला। भाजपा को 120, कांग्रेस को 56 सीटें मिलीं।
2008 : कांग्रेस ने 36.82% वोट लिए और 96 सीटें जीतकर सरकार बनाई। भाजपा को 78 सीटें मिलीं।
2013 : मोदी लहर में भाजपा ने 46.05% वोट और 163 सीटें लेकर कांग्रेस को 21 सीटों पर समेटा।
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