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Showing posts from January, 2019

कुम्भ मेले में कल्पवास से होगी आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति

कुम्भ  मेले में कल्पवास से होगी आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति लक्ष्मी शर्मा  स्वतंत्र पत्रकार   कुम्भ में पौष पूर्णिमा के पावन पर्व पर श्रद्धा की डुबकी के साथ ही संयम, अहिंसा, श्रद्धा एवं कायाशोधन के लिए तीर्थराज प्रयाग में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की रेती पर कल्पवासियों ने डेरा जमा लिया।  कल्पवास  का अर्थ होता है संगम के तट पर निवास कर वेदाध्ययन और ध्यान करना। प्रयाग इलाहाबाद  कुम्भ   मेले में कल्पवास का अत्यधिक महत्व माना गया है। कल्पवास पौष माह के 11वें दिन से माघ माह के 12वें दिन तक रहता है। कुछ लोग माघ पूर्णिमा तक कल्पवास करते हैं। पुराणों और धर्मशास्त्रों में   कल्पवास   को आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के लिए जरूरी बताया गया है। यह मनुष्य के लिए आध्यात्म की राह का एक पड़ाव है, जिसके जरिए स्वनियंत्रण एवं आत्मशुद्धि का प्रयास किया जाता है। हर वर्ष श्रद्धालु एक महीने तक संगम गंगा तट पर अल्पाहार, स्नान, ध्यान एवं दान करके कल्पवास करते है। कल्पवास पौष माह के 11वें दिन से माघ माह के 12वें दिन...

लौकी का हलवा ( दूधी का हल्वा )

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लौकी का हलवा (  दूधी का हल्वा  )   रं जीता अनीष व्यास की रसोई में आपका हार्दिक स्वागत है। स्वाद भरी दुनिया ग्रुप आप सभी के लिए है। आप सभी नई नई स्वादिष्ट डिश बनाई है और स्वाद भरी दुनिया ग्रुप में भेजिए।  मेरी सासु मां गुजरात से है और मुझे काफी सारे आइटम यानी गुजराती खाने की रेसिपी उनसे सीखने को मिली है।  आज मेरे दोनों बेटे यश, श्रेयांश ने कहा की मम्मी  लौकी का हलवा   बनाओ।  लौकी का हलवा (  दूधी का हल्वा  )  बहुत आसानी से और कम समय में बन जाने वाली मिठाई है ।  अधिकतर लोग इस‌े दूधी भी कहते हैं ।  लौकी का हलवा बहुत स्वादिष्ट बनता है, इसे आप व्रत में भी बनाकर खा स‌कते हैं ।  लौकी का हलवा स्वाद के साथ साथ सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है ।   इस‌े हम किस‌ी भी पार्टी या शुभ अवसर पर बना स‌कते हैं ।  लौकी का हलवा आप कई तरह से बना सकते हैं, आप इसे स‌िर्फ दूध के स‌ाथ या दूध ड्राई फ्रूट डालकर या फिर दूध और मावा मिलाकर इसे बना सकते हैं । सामग्री  लौकी- 1 किग्रा. चीनी- 1.5 कप ( 300 ग्राम ) मा...

बीमारियों से बचने के लिए करें फल और सब्जी का उपयोग..!!

बीमारियों से बचने के लिए करें फल और सब्जी का उपयोग..!! अनीष व्यास  स्वतंत्र पत्रकार  फल एवम सब्जी मानव जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है। यह ईश्वर द्वारा मानव को उपहार है। आप जब भी बीमार होते हैं तो डॉक्टर आपको फल खाने की सलाह देते हैं। भारत ऋषि मुनियों की कर्मभूमि है। यहां पर पुराने समय में तपस्या के दौरान फल खाकर जीवन व्यतीत किया जाता था। आज यह फल असाध्य बीमारियों से लड़ने के लिए सहायक सिद्ध है। जरूरत है अपनी जीवनशैली में इनको को अपनाने की। इसको आज के समय का संजीवनी कहा जाता है। इसीलिये कलाम साहब ने डिवाइन नाम दिया।  यह फल सम्पूर्ण मानवता के लिए वरदान है। कैंसर और एड्स जैसे रोगों में भी कारगर सिद्ध हुआ है। आइए आज जानते हैं वह कौन से फल हैं और किस बीमारी में लड़ने में सहायक होते हैं।    केला ::- ब्लडप्रैशर नियंत्रित करता है। हड्डियों को मजबूत बनाता है। हृदय की सुरक्षा करता है। अतिसार  में लाभदायक है।खाँसी में हितकारी है। जामुन ::- कैंसर की रोकथाम करता है। हृदय की सुरक्षा करता है। कब्ज को मिटाता है। स्मरण शक्ति बढाता है। रक्त शर्करा नियंत्रित ...

ये हैं कुंभ के 14 अखाड़े

कुंभ मेला 2019 ये हैं कुंभ के 14 अखाड़े  अनीष व्यास  स्वतंत्र पत्रकार  कुंभ का मेला विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में से एक है. लाखों की संख्या में लोग इस मेले में शामिल होते हैं. कुंभ का मेला हर 12 वर्षों के अंतराल होता है. लेकिन कुंभ का पर्व हर बार सिर्फ 4 पवित्र नदियों में से किसी एक नदी के तट पर ही आयोजित किया जाता है. जिनमें हरिद्वार में गंगा, उज्जैन की शिप्रा, नासिक की गोदावरी और इलाहाबाद में जहां गंगा, यमुना और सरस्वती का मिलन होता है।। कुंभ में अखाड़ों का विशेष महत्व होता है. अखाड़े शब्द की शुरुआत मुगलकाल के दौर से हुई. अखाड़ा साधुओं का वह दल होता है, जो शस्त्र विद्या में भी पारंगत रहता है।। जब कुंभ में नाचते-गाते धूमधाम से अखाड़े जाते हैं, तो उसे  पेशवाई कहते हैं. कहा जाता है कि शंकराचार्य ने आठवीं सदी में 13 अखाड़े बनाए थे. तब से वही अखाड़े बने हुए थे. लेकिन इस बार एक और अखाड़ा जुड़ गया है, जिस कारण इस बार कुंभ में 14 अखाड़ों की पेशवाई देखने की मिलेगी। 1. अटल अखाड़ा-  इनके ईष्ट देव भगवान गणेश हैं. इस अखाड़े में केवल ब्राह्मण,...

श्री गणेश की दाईं सूंड या बाईं सूंड का रहस्य..!!

श्री गणेश की दाईं सूंड या बाईं सूंड का रहस्य..!! अनीष व्यास  स्वतंत्र पत्रकार  अक्सर श्री गणेश की प्रतिमा लाने से पूर्व या घर में स्थापना से पूर्व यह सवाल सामने आता है कि श्री गणेश की कौन सी सूंड होनी चाइये....क्या कभी आपने ध्यान दिया है कि भगवान गणेश की तस्वीरों और मूर्तियों में उनकी सूंड दाई या कुछ में बाई ओर होती है। सीधी सूंड वाले गणेश भगवान दुर्लभ हैं। इनकी एकतरफ मुड़ी हुई सूंड के कारण ही गणेश जी को वक्रतुण्ड कहा जाता है। भगवान गणेश के वक्रतुंड स्वरूप के भी कई भेद हैं। कुछ मुर्तियों में गणेशजी की सूंड को बाई को घुमा हुआ दर्शाया जाता है तो कुछ में दाई ओर। गणेश जी की सभी मूर्तियां सीधी या उत्तर की आेर सूंड वाली होती हैं। मान्यता है कि गणेश जी की मूर्त जब भी दक्षिण की आेर मुड़ी हुई बनाई जाती है तो वह टूट जाती है। कहा जाता है कि यदि संयोगवश आपको दक्षिणावर्ती मूर्त मिल जाए और उसकी विधिवत उपासना की जाए तो अभिष्ट फल मिलते हैं। गणपति जी की बाईं सूंड में चंद्रमा का और दाईं में सूर्य का प्रभाव माना गया है।  प्राय: गणेश जी की सीधी सूंड तीन दिशाआें से दिखती है। ज...

लौकी के मुठिया...!!

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लौकी के मुठिया रं जीता अनीष व्यास की रसोई में आपका हार्दिक स्वागत है। स्वाद भरी दुनिया ग्रुप आप सभी के लिए है। आप सभी नई नई स्वादिष्ट डिश बनाई है और स्वाद भरी दुनिया ग्रुप में भेजिए।  मेरी सासु मां गुजरात से है और मुझे काफी सारे आइटम यानी गुजराती खाने की रेसिपी उनसे सीखने को मिली है। उन्होंने ही मुझे यह गुजराती दूदी ( लौकी) के मुठिया  बनाना सिखाया था। लौकी के मुठिया कम तेल से बनी, भाप में पकाकर बनाई गई स्वादिष्ट और पौष्टिक गुजराती डिश है   ।   जो उबले हुए लौकी और आटे से बनती है। बाकि सभी ढोकला से यह रेसिपी थोड़ी अलग है। गुजरती ढोकले जैसे खमन ढोकला, इद्रा ढोकला, खट्टा ढोकला आदि नरम होते है पर मुठिया ढोकला खाने में क्रिस्पी होता है।   सामग्री  लौकी- 500 ग्राम (कद्दूकस की हुई) गेहूं का आटा- ½ कप  सूजी- ½ कप  बेसन- ½ कप  तेल- 2 से 3  चम्मच हरा धनिया- 2 से 3 चम्मच  (बारीक कटा हुआ) नींबू- 1 हींग 1 चुटकी  हल्दी पाउडर - ¼ छोटी चम्मच बेकिंग सोडा- 1/4 छोटी चम्मच से कम नमक-  स्वादानुसार हरी मिर्...

प्याज का रायता

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प्याज का रायता रं जीता अनीष व्यास की रसोई में आपका हार्दिक स्वागत है। स्वाद भरी दुनिया ग्रुप आप सभी के लिए है। आप सभी नई नई स्वादिष्ट डिश बनाई है और स्वाद भरी दुनिया ग्रुप में भेजिए।  खाने में रायता न हो तो अधूरा सा लगता है। भारतीय घरों में अक्सर गर्मियों के मौसम में खाने के साथ रायता परोसते हैं। वैसे तो रायता बूंदी, आलू या पुदीने का भी बनाया जा सकता है ।   दही, प्याज, हरी मिर्च, नमक और हरा धनिया डालकर आप प्याज का रायता बना सकते हैं।   सामग्री  300 ग्राम दही स्वादानुसार नमक 5 ग्राम जीरा पाउडर 50 ग्राम प्याज, टुकड़ों में कटा हुआ 10 ग्राम हरी मिर्च 10 ग्राम धनिया की पत्ती लाल मिर्च पाउडर जीरा रोस्टेड विधि  नमक मिलाकर दही को अच्छी तरह फैंट लें। इसके बाद इसमें जीरा पाउडर, हरी मिर्च, धनिया की पत्ती और कटे हुए प्याज मिलाएं। आखिर में सर्व करते समय लाल मिर्च पाउडर और भुना जीरा का इस्तेमाल करें। सादर रंजीता अनीष व्यास स्वाद भरी दुनिया ग्रुप Group link  https://www.facebook.com/groups/1878884178859989/

मूंग दाल के पकोडे

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मूंग दाल के पकोडे रं जीता अनीष व्यास की रसोई में आपका हार्दिक स्वागत है। स्वाद भरी दुनिया ग्रुप आप सभी के लिए है। आप सभी नई नई स्वादिष्ट डिश बनाई है और स्वाद भरी दुनिया ग्रुप में भेजिए।  मूंग दाल के पकोडे बहुत ही कुरकुरे और स्वादिष्ट होते है, ये बनाने में बहुत ही आसान और जल्दी बनने वाले स्नैच्क्स  है। मंगौड़े खट्टी और मीठी चटनी के साथ बहुत ही स्वादिष्ट लगते है, वैसे इन्हे खास तौर मकर संक्रांति पर बनाया जाता है  सामग्री  मूंग की दाल 2 कप हरी मिर्च 2-3  (कटी हुई ) हींग 1 पिंच अदरक 1 टुकड़ा ( कद्दूकस किया हुआ ) हरा धनियां  आधा कप(कटा हुआ) लाल मिर्च पाउडर आधा चम्मच धनियां पाउडर  1 चम्मच जीरा  1 चम्मच नमक  स्वादानुसार तेल  तलने के लिए विधि मूंग दाल के  पकौड़े  बनाने के लिए  मूंग दाल को धो कर 5 -6  घंटे के लिये पानी में भिगो दें। अब भीगी हुई दाल को पानी से निथार लें और दाल को मिक्सी के जार में डालकर हल्का दरदरा सा पीस लें। दाल को बहुत बारीक न पीसें। क्योकि दरदरी पिसी दाल से बने हुए मगौड़े ज्याद...

मकर संक्राति पर स्नान...दान से होगी अक्षय फल की प्राप्ति !!

मकर संक्राति पर स्नान...दान से होगी अक्षय फल की प्राप्ति !! अनीष   व्यास   स्वतं aaaa त्र   पत्रकार   मकर संक्रांति पर स्नान और दान का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन दिया गया दान इस जन्म के साथ अगले जन्म में करोड़ो़ गुना होकर मिलता है। मान्यता है कि यहां जितने भी दान किए जाते हैं वे अक्षय फल देने वाले होते हैं। महाभारत के अनुसार ‘यह देवताओं की संस्कार की हुई भूमि है। यहां दिया हुआ थोड़ा सा भी दान महान होता है।’  मकर संक्रांति प्रतिवर्ष हर्षोल्लास के साथ पूरे भारत में मनाया जाता है। जिसमें दान के साथ खिचड़ी खाने का विधान है। जिसका धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों महत्व है। भगवान सूर्य जब धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति मनाई जाती है। अधिकतर ज्योतिषियों के अनुसार मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी।  इस बार 14 जनवरी को रात्रि 2.10 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा। 15 जनवरी को उदय तिथि पड़ने के कारण संक्रांति 15 को ही मनाई जायेगी। पुण्य काल 15 जनवरी को प्रात: से सूर्यास्त तक रहेगा। उन्होंने बताया कि लोगों को इस ...

लोहड़ी और गुरु गोविंद सिंह जयंती आज

लोहड़ी और गुरु गोविंद सिंह जयंती आज  अनीष   व्यास   स्वतं aaaa त्र   पत्रकार   लोहड़ी और गुरु गोविंद सिंह जयंती सिखों के प्रमुख त्योहार है। दोनों पर वीरता को नमन किया जाता है। गुरु गोविंद सिंह सीखों के दसवें गुरु थे। उन्होने खालसा पंथ की स्थापना की। उन्होने पंज प्यारे और 5 ककार शुरू किए थे। इसके साथ ही गुरू गोबिन्द सिंह ने सिखों की पवित्र ग्रन्थ गुरु ग्रंथ साहिब को पूरा किया तथा उन्हें गुरु रूप में सुशोभित किया। वहीं लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी जैसे वीर को याद कर के गीत गाए जाते हैं।   लोहड़ी खुशियों का त्योहार है। यह त्योहार भगवान सूर्य और अग्नि को समर्पित है। सूर्य और अग्नि को ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत माना जाता है। यह त्योहार सर्दियों के जाने और बसंत ऋतु के आने का संकेत है। लोहड़ी की रात सबसे ठंडी मानी जाती है। इस त्योहार पर पवित्र अग्नि में फसलों का अंश अर्पित किया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से फसल देवताओं तक पहुंचती है । गुरु गोविंद सिंह जयंती पर गुरुद्वारों में विशेष साज-सज्जा की जाती है। इस दिन सुबह से ही गुरुद्वारों में धार्मि...