एक-एक सीट का मायना...सीधा असर बहुमत के खेल पर...!!
एक-एक सीट का मायना...सीधा असर बहुमत के खेल पर...!!
अनीष व्यास
स्वतंत्र पत्रकार
राजस्थान की लोकसभा सीट टोंक- सवाईमाधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भिलवाड़ा, कोटा और झालावाड़ बारां में आज मतदान की प्रक्रिया को पूरा किया गया । पहले चरण की 13 सीटों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, दो केंद्रीय मंत्रियों सहित नौ सांसदों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। पहले चरण में करीब दो करोड़ 57 लाख मतदाता आज 115 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। इन 13 सीटों पर कुल 115 उम्मीदवार मैदान में हैं। बीजेपी और कांग्रेस से 13 उम्मीदवार, बहुजन समाज पार्टी से 10, कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया से 2 जबकि 34 अन्य दल और 43 निर्दलीय प्रत्याशी हैं। इनमें से 108 पुरुष और 7 महिला प्रत्याशी चुनावी मैदान में है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर में वोट डाला। इस दौरान उनके साथ बेटे वैभव गहलोत भी मौजूद रहे। इसके साथ पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी सुबह वोट डालने झालावाड़ के हाइकिंग बोड कॉलोनी में वोट डालने पहुंची। वहीं, जोधपुर से उम्मीदवार गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी परिवार के साथ वोट डाला।
राजस्थान की 25 में से 13 लोकसभा सीटों पर चौथे चरण के तहत मतदान हो रहा है। यहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए एक-एक सीट बहुत मायने रखती है, क्योंकि इसका सीधा असर बहुमत के खेल पर पड़ने की संभावना है। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सभी 25 सीटें जीत ली थीं लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद इस बार कांग्रेस को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।
इन 13 सीटों में सबसे ज्यादा चर्चित जोधपुर एवं झालावाड़ की सीटें हैं, जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव तथा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। दुष्यंत सिंह के चौथी बार लोकसभा चुनाव मैदान में उतरने के कारण इस बार वसुंधरा राजे वंशवाद के निशाने पर नहीं आई, लेकिन वैभव गहलोत का यह पहला चुनाव होने से उनके पिता अशोक गहलोत पर वंशवाद और प्रतिष्ठा को दांव पर लगाने के तीखे आरोप लगाये गये।
भाजपा ने जोधपुर में अपने उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह को अकेला नहीं छोड़ा। वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा एवं पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का रोड शो करवाकर मतदाताओं पर छाप छोड़ने के साथ प्रदेश सरकार की ताकत तोड़ने का प्रयास किया। इसके विपरीत कांग्रेस में बड़े नेताओं के दौरे जोधपुर में नहीं हुए, मुख्यमंत्री गहलोत ने ही प्रचार का मोर्चा संभाले रखा। गहलोत के लिए यह सीट प्रतिष्ठा के सवाल के रूप में देखी जा रही है और गहलोत ने खुद की सीट पर प्रचार के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। वह कुल मिलाकर 90 रैलियां, बैठक व रोडशो कर चुके हैं। चुनाव प्रचार शनिवार शाम समाप्त हो गया था । गहलोत को यह बात अच्छी तरह पता है कि अगर वैभव की हार होती है तो इसे अपने गृहक्षेत्र में सीएम की हार के रूप में देखा जाएगा। 1998 में पहली बार मुख्यमंत्री बनने से पहले गहलोत यहां से पांच बार जीत चुके हैं। सिर्फ 1989 में वह पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह से हारे थे।
एक अन्य प्रमुख सीट मारवाड़ क्षेत्र की बाड़मेर है जहां से पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने भारतीय जनता पार्टी के कैलाश चौधरी हैं। मानवेंद्र सिंह भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर सांसद व विधायक रहे हैं। वह गत विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे। बाड़मेर सीट में बाड़मेर का पूरा जिला व पास के जैसलमेर जिले का लगभग आधा हिस्सा आता है। इसकी सीमा पाकिस्तान से लगती है।
बाड़मेर में सांसद कर्नल सोनाराम का टिकट काटने के बाद भाजपा उम्मीदवार पूर्व विधायक कैलाश चौधरी को कांग्रेर्स के मानवेंद्र सिंह के सामने कड़ी टक्कर झेलनी पड़ रही है, हालांकि इसमें थोड़ी राहत तब मिल गई जब कर्नल सोनाराम पार्टी से बगावत करके कांग्रेस में शामिल होने के लिये दौड़ पड़े, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी और वह अब पार्टी का साथ देने की बात कह रहे हैं।
वहीं भाजपा की पूर्व विधायक व पूर्व जयपुर राजघराने की सदस्य दीया कुमारी राजस्थान की राजसंमद सीट से प्रत्याशी हैं। पीपी चौधरी पाली से चुनाव लड़ रहे हैं। टोंक सवाई माधोपुर सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस प्रत्याशी नमो नारायण मीणा तथा भाजपा के मौजूदा सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया के बीच मुकाबला है। अजमेर सीट पर उद्योगपति एवं कांग्रेस प्रत्याशी रिजु झुंझुनूवाला तथा भाजपा के भागीरथ चौधरी के बीच मुकाबला है। जहां तक अजमेर सीट का सवाल है तो 2009 में यह सीट कांग्रेस के सचिन पायलट ने जीती थी जो इस समय राज्य के उपमुख्यमंत्री हैं।
निर्वाचन विभाग के अनुसार इन 13 सीटों में मतदान के लिए 28182 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इस बीच उदयपुर के नारायण सेवा संस्थान ने दिव्यांग मतदाताओं की सहायता के लिए 150 व्हील चेयर अधिकारियों को उपलब्ध करवाई है। राज्य की बाकी 12 सीटों पर 6 मई को मतदान होगा।
सुबह 9 बजे तक टोंक सवाईमाधोपुर में 11.58 प्रतिशत, अजमेर में 12.57 प्रतिशत, पाली में 12.45 प्रतिशत, जोधपुर में 13.65 प्रतिशत, बाड़मेर में 13.43 प्रतिशत, जालोर में 13.82 प्रतिशत, उदयपुर में 11.92 प्रतिशत, बांसवाड़ा में 14.44 प्रतिशत, चित्तौड़गढ़ में 14.09 प्रतिशत, राजसमंद में 13.23 प्रतिशत, भिलवाड़ा में 12.72 प्रतिशत, कोटा में 13.73 प्रतिशत और झालावाड़-बारां में 13.03 प्रतिशत मतदान हुआ है।जिसके मुताबिक प्रदेश में अब तक कुल 13.10 प्रतिशत मतदान हुआ है।
निर्वाचन विभाग के सूत्रों ने बताया कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ। दोपहर बजे तक 43.79 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया। राजस्थान के ज्यादातर हिस्सों में तेज गर्मी पड़ रही है और निर्वाचन विभाग ने मतदान केंद्रों पर पानी तथा छाया के पर्याप्त बंदोबस्त करने के निर्देश अधिकारियों को देख रखे हैं। मतदान शाम छह बजे तक चलेगा।
लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में राजस्थान में पहले चरण में सोमवार को 13 सीटों पर वोटिंग जारी है। राजस्थान लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में प्रदेश की 13 सीटों पर दोपहर 3 बजे तक 59.59 फीसदी मतदान हुआ है। जैसे-जैसे अब समय बढ़ता जा रहा है उसके साथ ही मतदान का प्रतिशत भी बढ़ने लगा है। सबसे ज्यादा वोटिंग अब तक बाड़मेर लोकसभा सीट पर देखने को मिली है जहां 60.40% मतदान हो गया है। वहीं सबसे कम वोटिंग टोंक-सवाईमाधोपुर लोकसभा सीट पर 45.06% रही।
देशभर में 9 राज्यों की 71 लोकसभा सीटों पर हुआ मतदान
वहीं देशभर की बात करें तो चौथे चरण में आज 9 राज्यों की 71 लोकसभा सीटों पर वोट डाले गए । जिन राज्यों में मतदान हुआ। उनमें बिहार की 5 लोकसभा सीटें, झारखंड की 3, मध्यप्रदेश की 6, महाराष्ट्र की 17, ओडिशा की 6, उत्तर प्रदेश की 13, राजस्थान की 13, पश्चिम बंगाल की 8 सीटें शामिल हैं । जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग लोकसभा सीट के कुलगाम जिले में भी आज ही मतदान हो रहा है।
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