मोदी सरकार की वापसी तय...कांग्रेस की सीटें बढेगी

मोदी सरकार की वापसी तय...कांग्रेस की सीटें बढेगी 
एक बार फिर मोदी सरकार...!!
यूपी की सियासी चाबी से खुलेगा केंद्र का ताला...

अनीष व्यास 
स्वतंत्र पत्रकार
लोकसभा चुनाव 2019 का एग्जिट पोल जारी हो गया है और ज्यादातर एग्जिट पोल के मुताबिक एक बार फिर से केंद्र में नरेंद्र मोदी की अगुआई में एनडीए की सरकार बनती दिख रही है। एग्जिट पोल इशारा कर रहे हैं कि नरेंद्र मोदी की सत्ता में वापसी तय है, हालांकि कांग्रेस भी पहले से अच्छा प्रदर्शन करते हुए इस बार अपनी सीटें बढ़ाती दिख रही है। लगभग सभी टीवी चैनलों और एजेंसियों के एग्जिट पोल में बीजेपी को बहुमत में दिखाया जा रहा है। पांच एग्जिट पोल के सर्वे में जहां बीजेपी और उसके सहयोगियों को 300 या उससे ज्यादा सीटें दिखाई गई हैं। वहीं तीन सर्वे में बीजेपी को 250 प्लस सीटों का अनुमान बताया गया है। यूपी में बीजेपी को बड़ा नुकसान का बताया जा रहा है। हालांकि, यूपी के नुकसान को बीजेपी ओडिशा में भुनाती दिख रही है। ज्यादातर एग्जिट पोल में ओडिशा में बीजेपी को 10 प्लस सीटों का फायदा बताया जा रहा है। देश के राजनीतिक गलियारे में वर्षों से यह कहावत मशहूर है कि दिल्‍ली का रास्‍ता उत्‍तर प्रदेश से होकर जाता है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के परिणाम आने में अब कुछ ही घंटे शेष बचे हैं और ऐसे में अटकलों का दौर तेज हो गया है। आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्‍य यूपी का सियासी ऊंट किस करवट बैठेगा, यह अभी साफ नहीं है लेकिन एग्जिट पोल की मानें तो राज्‍य में भगवा लहर बरकरार रह सकती है।
विपक्षी दलों ने एग्जिट पोल के अनुमानों को खारिज किया
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कई दूसरे दलों ने एग्जिट पोल के आंकड़ों को खारिज कर दिया है। इन पार्टियों का दावा है कि चुनाव परिणाम इन अनुमानों के बिल्कुल उलट होंगे। विश्लेषकों की मानें तो सियासी पार्टियों के रुख में बदलाव हो सकता है, लेकिन इतना साफ है कि कांग्रेस के न्याय पर भाजपा का राष्ट्रवाद भारी पड़ा है। भाजपा की अगुआई वाला एनडीए सबसे बड़ा गठबंधन बनकर उभरा है।
दिल्‍ली के सफर के लिए अहम है यूपी का रास्‍ता 
सबसे ज्‍यादा 80 सीटों वाला राज्‍य उत्‍तर प्रदेश दिल्‍ली की गद्दी के लिए हमेशा से ही महत्‍वपूर्ण रहा है। इसी 'रास्‍ते' पर कब्‍जे के लिए इस बार सत्‍तारूढ़ बीजेपी, विपक्षी महागठबंधन और कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत लगा दी। पीएम मोदी ने सबसे ज्‍यादा फोकस यूपी पर ही किया। वहीं मायावती और अखिलेश पूरे प्रदेश में धुआंधार रैलियां कीं। कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने रैलियों और रोड शो के जरिए अपनी पार्टी को यूपी में संजीवनी देने की कोशिश की। 
नायडू को उनके गढ़ में ही कड़ी टक्कर
एग्जिट पोल के इन अनुमानों का असर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की विपक्ष को एकजुट करने की मुहिम पर भी पड़ेगा। चंद्रबाबू नायडू को आंध्रप्रदेश को वाईएसआर कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिल रही है। वहां लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव में वाईएसआर की जगनमोहन रेड्डी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। तेलंगाना में विधानसभा चुनाव की तरह इस बार भी के चंद्रशेखर राव की अगुवाई में टीआरएस अच्छा प्रदर्शन कर रही है। चुनाव परिणाम एग्जिट पोल के आंकड़ों से कम रहते हैं तो टीआरएस, वाईएसआर 'किंग मेकर' की भूमिका निभा सकते हैं।
2014 लोकसभा चुनाव के क्या रहे थे नतीजे:
2014 लोकसभा चुनाव में प्रचण्ड बहुमत से बीजेपी सत्ता में आई थी। 2014 में कुल 543 सीटों के लिए हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 282 सीटें जीत कर स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया था। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को 336 सीटें प्राप्त हुई थीं। वहीं यूपीए को 60 सीटें मिले थे। भाजपा ने 428 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 282 सीटों पर कब्जा जमाया था। वहीं कांग्रेस ने 464 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और उन्हें महज 44 सीटों पर ही जीत हासिल हो पाई थी।
लोकसभा चुनाव 2019 के परिणामों का हर किसी को बेसब्री से इंतजार है भाजपा के राष्ट्रवाद और कांग्रेस के विकास के मुद्दे के बीच हुए चुनाव के चलते सबकी नजर अगर कहीं है तो वह जोधपुर सीट पर है जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल के सदस्य व भाजपा प्रत्याशी गजेंद्र सिंह शेखावत और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र व कांग्रेस के प्रत्याशी वैभव गहलोत के बीच कड़ा मुकाबला है देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत बाजी मारते हैं या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जादू के चलते एक बार फिर शेखावत दिल्ली की संसद तक पहुंचते हैं

राजस्थान प्रदेश की सबसे हॉट सीट जोधपुर पर कांटे की टक्कर
लोकसभा चुनाव परिणामों को लेकर एग्जिट पोल भले कुछ भी कहे लेकिन राजस्थान प्रदेश की सबसे हॉट सीट जोधपुर को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच अब कांटे की टक्कर की उम्मीद सामने आ गई है
 अब तक की रिपोर्ट में सामने आया है कि दोनों ही दलों के प्रत्याशियों को मतदाता ने जो वोट दिए हैं उसका सटीक आकलन दोनों ही दल नहीं कर पाए हैं हालांकि फलौदी का सट्‌टा बाजार जोधपुर में भाजपा के पक्ष में खड़ा दिखाई दे रहा है मगर फलौदी के सट्‌टा बाजार के दावे दर्जनों बार फेल भी हुए हैं
बुधवार को दोपहर करीब 1 बजे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एक ही विमान से जयपुर पहुंचे। इस दौरान जयपुर एयरपोर्ट पर दोनों ने मीडिया से बात की। गहलोत बोले कि पूरे चुनाव का धुर्वीकरण करने की कोशिश की गई। बिना एजेंडा चुनाव लड़ा गया। वहीं, वसुंधरा राजे ने कहा कि राजस्थान में भाजपा सभी 25 सीटों पर जीत हासिल करेगी।
ईवीएम को लेकर गहलोत ने कहा कि बहुत सारी शिकायत आ रही हैं। उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में ईवीएम की सिक्योरिटी होनी चाहिए। वीवीपैट की गिनती होनी चाहिए। मेरा मानना है कि सुप्रीम कोर्ट मान चुका है कि ईवीएम में टैम्परिंग हो सकती है। उसके बाद वीवीपैट लगाया गया। अगर टैम्परिंग हो सकती है तो ईवीएम से चुनाव करवा क्यों रहे हो। अमेरिका और इग्लेंड से भी ईवीएम को हटाया जा चुका है। हमारे देश में ऐसा क्यों नहीं हो सकता।   
चुनाव का धुर्वीकरण करने की कोशिश की गई
गहलोत ने कहा- केदारनाथ और बद्रीनाथ जाओ। ध्यान में बैठ जाओ। चुनाव आयोग आंख मूंद कर देखता रहा। पूरे चुनाव का धुर्वीकरण करने की कोशिश की गई। बिना एजेंडा के चुनाव लड़ा गया है। वहीं, राहुल गांधी ने मुद्दे उठाने की कोशिश की।
एक फ्लाइट से आए, लेकिन नहीं हुई बात
गहलोत और वसुंधरा राजे एयर इंडिया की एक ही फ्लाइट से जयपुर पहुंचे। इस सवाल पर गहलोत ने कहा कि मैडम फर्स्ट क्लास में बैठी थीं। मैं पीछे इकॉनोमी क्लास में बैठा था। मुझे पता ही नहीं चला कि वे आगे बैठी हैं। अगर पता होता तो उनसे जरूर बात करता।
लोकसभा चुनाव के नतीजे 23 मई को साफ हो जाएंगे सरकार बनाने की कवायद दिल्ली में चलेगी लेकिन राजस्थान में भी दोनों प्रमुख पार्टियों में चुनाव के बाद की तैयारियों पर चर्चा होने लगी हैकांग्रेस पार्टी के प्रदेश संगठन में क्या बदलाव होगा या नहीं और बीजेपी में क्या होगा, यह सभी के बीच चर्चा का विषय है हालांकि अटकलों के बीच दोनों ही पार्टियों ने अगले निकाय और पंचायतीराज के चुनाव पर अपना ध्यान लगाने के संकेत दे दिए हैं
कांग्रेस-बीजेपी के खेमों में हलचल है. लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर एग्जिट पोल जो इशारा कर रहे हैं. उससे तो केन्द्र में एनडीए की सरकार बनती दिख रही है. लेकिन इन एग्ज़िट पोल के बीच कांग्रेस ने ईवीएम पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है इसके साथ ही कांग्रेस-बीजेपी में एक चर्चा इस बात की भी है कि आखिर लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी के प्रदेश संगठन में क्या बदलाव होगा कई लोगों को इस बात की उत्सुकता है कि क्या बदलाव बड़े पैमाने पर होंगे या आंशिक ही रहेंगे?
हालांकि पीसीसी चीफ और उप मुख्यमन्त्री सचिन पायलट ने अपनी भूमिका को लेकर साफ कर दिया है कि लोकसभा चुनाव के बाद उनका फोकस आगामी पंचायतीराज चुनाव पर होगा पायलट के इस बयान के मायने यह भी समझे जा सकते हैं कि वे प्रदेशाध्यक्ष की भूमिका में रहते हुए आगामी स्थानीय निकाय चुनाव और पंचायतीराज चुनाव पर ध्यान लगाएंगे
इधर बीजेपी ने भी लोकसभा चुनाव के नतीजों के दिन मतगणना की तैयारी के साथ ही निकाय चुनाव पर अपना ध्यान लगा दिया है पिछले दिनों बीजेपी के प्रदेश संगठन महामन्त्री चन्द्रशेखर ने कार्यकर्ताओं से निकाय चुनाव पर चर्चा की तो पार्टी ने सोमवार की बैठक में प्रदेश पदाधिकारियों को निकाय चुनाव और पंचायतीराज चुनाव पर फोकस करने को भी कह दिया है बीजेपी का कहना है कि पार्टी के लिए हर चुनाव महत्वपूर्ण है. ऐसे में पार्टी नेता अभी से शहरी और निकाय चुनाव को लेकर तैयारियों में जुट गए है
निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटना पार्टियों के लिए कोई नया काम नहीं है पीसीसी चीफ सचिन पायलट के बयान के बाद कांग्रेस के सियासी हलकों में सिर्फ इसी बात को लेकर कयास चल रहे हैं कि अब निकाय चुनाव भी पायलट की अगुवाई में ही होने हैं. लेकिन टिकिट वितरण में किसकी कितनी भूमिका रहेगी?

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