इस साल सिर्फ 53 दिन ही बजेंगी शुभ विवाह की शहनाइयां
इस साल सिर्फ 53 दिन ही बजेंगी शुभ विवाह की शहनाइयां
अनीष व्यास
वरिष्ठ पत्रकार
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। शास्त्रों के अनुसार किसी भी मांगलिक कार्य करने से पहले शुभ मुहूर्त जरूर देखा जाता है। मान्यता है कि शुभ मुहूर्त और शुभ तिथि में किया जाने वाला कोई भी काम जरूर सफल और विशेष फलदायी होता हैं। विवाह संपन्न कराने के लिए शुभ मुहूर्त और शुभ तिथि जरूर देखी जाती है। साल 2020 में विवाह के लिए बहुत ही कम शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। साल 2020 में विवाह के लिए सिर्फ 53 शुभ मुहूर्त ही मिलेंगे जिसमें विवाह कार्य को संपन्न किया जा सकेगा। 2019 में जहां कुल 111 मुहूर्त थे वहीं आने वाले साल 2020 में सिर्फ 53 दिन ही मिलेंगे।
14 जनवरी को खरमास समाप्त होते ही मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। इस साल जुलाई, अगस्त, सितंबर व अक्टूबर माह में शादियों के लिए शुभ मुहूर्त नहीं है, जबकि बाकी 8 महीने में इतने ज्यादा मुहूर्त हैं कि शादी की तारीख तय करने में दिक्कत नहीं होगी। फरवरी व मई में ही 31 शुभ मुहूर्त हैं, जबकि सबसे कम 2 शुभ मुहूर्त नवंबर में हैं। नया साल 2020 में 65 दिन विवाह मुहूर्त है वहीं 2019 में पूरे साल 78 दिन विवाह मुहूर्त थे। खीस बात यह है कि इस बार जुलाई के माह में एक भी दिन विवाह का मुहूर्त नहीं है। वजह देव शय नी एकादशी 1 जुलाई को है, जबकि देव उठनी एकादशी 25 नवंबर को होगी। यानी इस बार देव चार की बजाए करीब पांच माह (148 दिन) विश्राम करेंगे, वहीं चातुर्मास की अवधि भी इतने ही दिन की रहेगी। 2019 चातुर्मास की अवधि 118 दिन थी, जबकि इस बार 148 दिन रहेगी। इसका दूसरा कारण यह भी हैै कि 2020 अधिमास वाला साल भी है। खरमास जारी रहने से विवाह 16 जनवरी से प्रारंभ होंगे। इसके बाद मार्च में एक माह का खरमास प्रारंभ होगा। इन कारणों से विवाह मुहूर्त की संख्या घट गई है। साल के अंतिम दो माह नवंबर-दिसंबर में सिर्फ 9 दिन ही विवाह होंगे।इस साल देवों के विश्राम व चातुर्मास की अवधि 148 दिन की रहेगी
नए वर्ष में अधिमास (पुरषोत्तम माह) होने से विवाह मुहूर्त के दिन घट गए हैं। इसी तरह 2019 में 1 से 11 जुलाई तक विवाह मुहूर्त थे और देवशयनी एकादशी 12 जुलाई को थी। इस बार 1 जुलाई को देवशयनी एकादशी से विवाह बंद हो जाएंगे, जो 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी से ही प्रारंभ होंगे। गत वर्ष देवशयनी एकादशी 12 जुलाई व देवउठनी एकादशी 8 नवंबर को थी। इस 118 दिन की अवधि में विवाह बंद थे, लेकिन इस बार देवों के विश्राम व चातुर्मास की अवधि 148 दिन की रहेगी। इस अवधि में विवाह नहीं होंगे। उन्होंने बताया कि अभी 14 जनवरी तक खरमास रहेगा। मकर संक्रांति के दूसरे दिन 16 जनवरी से विवाह मुहूर्त प्रारंभ होंगे, जो 13 मार्च तक रहेंगे। ज्योतिषाचार्य के अनुसार 2020 खरीदी का मुहूर्त गुरु पुष्य चार और रवि पुष्य भी चार दिन रहेगा. जिन तारीखों पर शादियां होगी उनमें जनवरी में 15, 16, 17, 18, 19, 20, 26, 29, 30, 31 तारीख शामिल है. वहीं फरवरी में 1, 3, 4, 9, 10, 11, 14, 15, 25, 26, 27, 28 तारीख को, मार्च में 10 और 11 तारीख को, अप्रैल में 16, 17, 25, 26 तारीख को मई में 1, 2, 4, 5, 6, 15, 17, 18, 19 व 23 को, जून में 11, 15, 17, 27, 29, 30 को, नवंबर में 27, 29, 30 तारीख को, दिसंबर में 1, 7, 9, 10, 11 तारीख को विवाह के मुहूर्त है। वहीं खरीदारी के महामुहूर्त गुरु पुष्य 2 अप्रैल 30 अप्रैल, 28 मई और 31 दिसंबर को आने वाले पुष्य नक्षत्र पर गुरु पुष्य का संयोग बनेगा. रवि पुष्य : 12 जनवरी, 13 सितंबर, 11 अक्टूबर और 8 नवंबर को आने वाले पुष्य नक्षत्र पर रवि पुष्य का संयोग बनेगा।
14 जनवरी 2020 से फिर से मांगलिक बेला की शुरुआत होने पर कार्यक्रम के लिए शुभ मुहूर्त मिलेंगे। आइए आपकों बता दें कि खरमास क्या है और एक माह बाद किन तारीखों पर लगन मुहूर्त बन रहा है।सूर्य जब बृहस्पति की राशि धनु व मीन में जाता तो इसे खरमास कहते है। उन्होंने कहा सूर्य उग्र होता है, जबकि बृहस्पति मांगलिक कार्य के लिए पूज्य होते है। इस कारण जब सूर्य बृहस्पति की राशियों में रहता है, तब मांगलिक कार्य निधेष माना जाता। वहीं, एक जुलाई से 25 नवंबर तक चातुर्मास होने के कारण भी मांगलिक कार्य नहीं होते है। 31 मई से आठ जून तक शुक्र अस्त होने के कारण मांगलिक कार्यों में रुकावट होती है।
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