दैत्यगुरु शुक्र का होगा राशि परिवर्तन...आज 21 नवंबर को धनु राशि में प्रवेश करेंगें
दैत्यगुरु शुक्र का होगा राशि परिवर्तन...आज 21 नवंबर को धनु राशि में प्रवेश करेंगें
21 नवंबर को शुक्र के धनु राशि में प्रवेश से यहाँ पर चतुर्ग्रही योग का निर्माण होगा। धनु में शनि, केतु और बृहस्पति पहले से ही मौजूद हैं ऐसे में शुक्र के धनु राशि में आने से चार ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में ऐसा माना जाता है कि जब किसी एक राशि में दो या दो अधिक ग्रह बैठते हैं तो फिर कई तरह की अप्रत्याशित घटनाएं देखने को मिलती हैं। चतुर्ग्रही योग से देश में प्राकृतिक आपदाएं भी आ सकती हैं।ज्योतिष गणना के मुताबिक धनु राशि में चतुर्ग्रही योग 15 दिसंबर 2019 तक बना रहेगा। इसके बाद 2 और ग्रह धनु राशि में आ जाएंगे जिससे ग्रहों की संख्या चार से बढ़कर 6 हो जाएगी। क्योंकि 25 दिसंबर 2019 को चंद्रमा और बुध धनु राशि में प्रवेश करेंगे। दो दिन बाद यानि 28 दिसंबर को चंद्रमा के मकर राशि में जाने से धनु राशि में 5 ग्रह एक साथ बैठे होंगे। फिर ग्रहों की ये स्थिति अगले वर्ष 14 जनवरी तक बनी रहेगी।धनु राशि में बनने वाला चतुग्रही योग वृषभ, मिथुन मकर और स्वयं धनु के लिए हानिकारक हो सकता है। इस दौरान इन राशि वालों के जीवन में उथल-पुथल की स्थिति बनी रह सकती है। अचानक जीवन में परेशानियां आ सकती है। वहीं मेष, कर्क, वृश्चिक और कुंभ राशि के जातकों के लिए चतुर्ग्रही योग शुभफलकारक होगा। जबकि सिंह, कन्या, तुला और मीन राशि में इसका प्रभाव मिलाजुला रह सकता है।
आइए और जानिए
ज्योतिषविद् एवं कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास से
ज्योतिषविद् एवं कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास से
शुक्र का धनु राशि में प्रवेश विभिन्न राशियों को किस तरह का फल प्रदान करेगा।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ग्रहों के राशि परिवर्तन करने से हर राशि पर उसका अच्छा या बुरा प्रभाव देखने को मिलता है। आज 21 नवंबर, गुरुवार को शुक्र ग्रह धनु राशि में परिवर्तन करने वाले हैं। शुक्र ग्रह को प्रेम, ऐश्वर्य, और शारीरिक आकर्षण का कारक ग्रह माना गया है। भौतिक सुविधाओं का कारक ग्रह शुक्र 21 नवंबर दोपहर 12 बजकर 22 मिनट पर वृश्चिक राशि से निकलकर 15 दिसंबर, रविवार की शाम 05 बजकर 57 मिनट तक धनु राशि में प्रवेश करने वाले हैं। शुक्र के धनु में प्रवेश करने से उसका गुरु, केतु और शनि के साथ अद्भुत संयोग बन रहा है।
शुक्र का कुंडली पर प्रभाव
शुक्र जिसे अंग्रेजी में वीनस यानि सुंदरता की देवी कहा जाता है। जिसे ज्योतिष में स्त्री ग्रह भी माना जाता है। जो वृषभ व तुला राशियों के स्वामी हैं। जिन्हें दैत्यगुरु भी माना जाता है। जो जातक की कुंडली में विवाह से लेकर संतान तक के योग बनाते हैं। लाभ का कारक भी शुक्र को माना जाता है। जीवन में सुख-समृद्धि भी शुक्र के शुभ प्रभाव से आती है। शुक्र जातक में कला के प्रति आकर्षण पैदा करते हैं। कलात्मकता का विकास करते हैं। शुक्र का जातक की कुंडली में कमजोर या मजबूत होना बहुत मायने रखता है मीन राशि में शुक्र उच्च के होते हैं तो कन्या राशि में इन्हें नीच का माना जाता है। शुक्र जो सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद आकाश में अपनी चमक से एक विशेष पहचान रखते हैं। शनि, बुध व केतु के साथ इनकी मित्रता है तो सूर्य, चंद्रमा व राहू के साथ इनका शत्रुवत संबंध है। मंगल व बृहस्पति के साथ इनका संबंध सामान्य है। शुक्र ही वह ग्रह हैं जिन्हें हम भोर का तारा कहते हैं। शुक्र का राशि परिवर्तन करना ज्योतिष शास्त्र के नज़रिये से एक अहम गतिविधि है।
शुक्र जिसे अंग्रेजी में वीनस यानि सुंदरता की देवी कहा जाता है। जिसे ज्योतिष में स्त्री ग्रह भी माना जाता है। जो वृषभ व तुला राशियों के स्वामी हैं। जिन्हें दैत्यगुरु भी माना जाता है। जो जातक की कुंडली में विवाह से लेकर संतान तक के योग बनाते हैं। लाभ का कारक भी शुक्र को माना जाता है। जीवन में सुख-समृद्धि भी शुक्र के शुभ प्रभाव से आती है। शुक्र जातक में कला के प्रति आकर्षण पैदा करते हैं। कलात्मकता का विकास करते हैं। शुक्र का जातक की कुंडली में कमजोर या मजबूत होना बहुत मायने रखता है मीन राशि में शुक्र उच्च के होते हैं तो कन्या राशि में इन्हें नीच का माना जाता है। शुक्र जो सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद आकाश में अपनी चमक से एक विशेष पहचान रखते हैं। शनि, बुध व केतु के साथ इनकी मित्रता है तो सूर्य, चंद्रमा व राहू के साथ इनका शत्रुवत संबंध है। मंगल व बृहस्पति के साथ इनका संबंध सामान्य है। शुक्र ही वह ग्रह हैं जिन्हें हम भोर का तारा कहते हैं। शुक्र का राशि परिवर्तन करना ज्योतिष शास्त्र के नज़रिये से एक अहम गतिविधि है।
शुक्र -धनु -21 नवंबर 2019 -15 दिसंबर 2019
शुक्र -मकर- 15 दिसंबर 2019- 9 जनवरी 2020
शुक्र -कुंभ -9 जनवरी 2020- 3 फरवरी 2020
शुक्र -मीन- 3 फरवरी 2020 -28 फरवरी 2020
धनु राशि देवगुरु बृहस्पति की राशि मानी जाती है और देवगुरु बृहस्पति और दैत्यगुरु शुक्र की आपस में शत्रुता है। शुक्र का यह गोचर सभी राशियों पर प्रभाव डालेगा। तो आइये यहां जानते हैं कि किस राशि पर क्या असर पड़ेगा इस राशि परिवर्तन से....!!
मेष - इस गोचर के दौरान शुक्र आपकी राशि से नवम भाव में स्थित होंगें। शुक्र के इस गोचर का प्रभाव विशेष रूप से आपके वैवाहिक जीवन और कार्यक्षेत्र पर देखने को मिल सकता है। सबसे पहले बात करे वैवाहिक जीवन की तो, इस गोचरीय अवधि में आप वैवाहिक जीवन के सभी सुखों का भरपूर आनंद उठा पाएंगे। इस दौरान जीवनसाथी के साथ कहीं घूमने भी जा सकते हैं और जीवन में कभी ना लौट कर आने वाले इन पलों का आनंद उठा सकते हैं। आप एक दूसरे का हर कदम पर साथ निभाएंगे और पिछले सभी मतभेदों को किनारे कर एक नए कल की शुरुआत करेंगे। इस गोचरकाल के दौरान कार्यक्षेत्र में आपको ख़ासा लाभ मिलने की उम्मीद है। आप अपनी मेहनत और लगन के दम पर सभी कठिनाईओं का सामना करते हुए अपनी एक अलग पहचान बनाने में कामयाब होंगें। इस गोचरकाल में आपका रुझान विशेष रूप से आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यों की तरफ ज्यादा रहेगा। धर्म-कर्म के कार्यों में आप बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगे और दान पुण्य से ख़ासा लाभ प्राप्त करने में सफल होंगे। सामाजिक दृष्टिकोण से देखें तो, इस गोचरीय अवधि के दौरान सामाजिक स्तर पर आपके मान मर्यादा में वृद्धि होगी और आप समाज के प्रभावी लोगों के बीच अपनी पैठ जमा पाएंगे। यदि आप किसी सरकारी पद पर आसीन हैं तो, इस गोचर के दौरान सरकार की तरफ से आपको कोई ख़ास सुविधा मिल सकती है। पारिवारिक स्तर पर इस दौरान घर का माहौल सुख शांति वाला रहेगा। परिवार के सदस्यों के साथ काफी समय के बाद आप फैमिली टाइम का आनंद उठा पाएंगे। इसके अलावा इस गोचर के समय घर में किसी मांगलिक कार्य का भी समापन हो सकता है। इसके साथ ही साथ आप पारिवारिक सदस्यों के साथ किसी धार्मिक यात्रा पर भी जा सकते हैं। मेष राशि के जातकों के लिए गोचर की ये स्थिति विशेष फलदायी साबित हो सकती है।
वृषभ - वृषभ राशि में शुक्र का प्रवेश आठवें भाव में होगा। शुक्र ग्रह का आपकी राशि से आठवें भाव में स्थित होना आपके लिए स्वास्थ्य के लिहाज से हानिकारक साबित हो सकता है। इस गोचरकाल में आपको विशेष रूप से अपनी सेहत का ख़ास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है। यदि आप अपनी सेहत का ख्याल नहीं रखते हैं तो, आप किसी बीमारी के शिकार हो सकते हैं। यदि आप सिंगल हैं तो, इस गोचरकाल में आपकी मुलाकात किसी ऐसे व्यक्ति से हो सकती है जिसके प्रति आपको एक ख़ास आकर्षण का एहसास होगा। चूँकि शुक्र आपकी राशि के स्वामी हैं इसलिए इस गोचरीय अवधि के दौरान आपके मन में भौतिक सुख प्राप्ति की लालसा बढ़ेगी। आर्थिक दृष्टिकोण से देखें तो इस दौरान आपका आर्थिक पक्ष मजबूत रहेगा जिसके फलस्वरूप आप अपनी सभी भौतिक सुख प्राप्ति की मंशा पूरी कर पाएंगे। हालाँकि अनावश्यक चीजों पर पैसे खर्च करना आपके लिए भविष्य के लिहाज से अच्छा नहीं होगा। इसलिए पैसों का व्यय सोच समझकर ही करें। इस अवधि में आप किसी से लिया पुराना उधार या लोन भी चुकता कर सकते हैं। यदि आप शादीशुदा हैं तो, इस गोचर के दौरान अपने ससुराल वालों के साथ आपका अच्छा वक़्त बीतेगा। नव विवाहित जोड़े अपने जीवनसाथी के साथ पसंदीदा जगह पर घूमने जा सकते हैं। कार्यक्षेत्र की बात करें तो इस गोचर के दौरान कार्यक्षेत्र में सभी आपके काम की तारीफ करेंगे, इसके फलस्वरूप आपके प्रमोशन की भी संभावना उत्पन्न हो सकती है। दूसरी तरफ यदि आप बिज़नेस के क्षेत्र में अपना किस्मत आज़माना चाहते हैं तो, आपके लिए ये गोचरकाल खासतौर से फलदायी साबित हो सकता है। आपके लिए शुक्र का ये गोचर मध्यम फलदायी साबित होगा।
मिथुन - इस गोचर के दौरान शुक्र आपकी राशि से सातवें भाव में स्थापित होंगें। शुक्र के गोचर का विशेष प्रभाव आपके वैवाहिक जीवन पर देखने को मिल सकता है। इस दौरान आप अपने जीवनसाथी की भावनाओं को भली-भांति समझने का प्रयास करेंगे और उनकी उम्मीदों पर खड़ा उतरेंगे। शादी के बाद जिस प्यार की तलाश आपको थी, वो आपको अपने जीवनसाथी से इस अवधि में प्राप्त हो सकती है। हालाँकि इस गोचरकाल के दौरान आपको इस बात का विशेष ख्याल रखना होगा की जीवनसाथी के साथ किसी भी विवाद को इतना बढ़ावा ना दें कि बात हाथ से निकल जाए। मिथुन राशि के वो जातक जो काफी लंबे समय से कही विदेश जाने की योजना बना रहे थे, उन्हें इस गोचरीय अवधि में विदेश जाने का अवसर प्राप्त हो सकता है। लेकिन इस अवसर को पाने के लिए आपको अपनी सूझबूझ से काम लेना होगा। यदि आप अविवाहित हैं तो इस गोचर के दौरान आप विवाह के बंधन में बंध सकते हैं। यदि आप किसी से प्रेम करते हैं तो, उनके साथ भी इस अवधि में विवाह के पवित्र बंधन में बंधने का फैसला कर सकते हैं। प्रेमी अपने पार्टनर को लेकर जुनून की हद तक जा सकते हैं, जिससे आपके पार्टनर की नज़रों में आपकी छवि ख़राब हो सकती है। दूसरी तरफ यदि आप विवाहित हैं तो, इस समय आपको अपने जीवनसाथी की सेहत का ख़ास ख्याल रखना होगा। सेहत के लिहाज से शुक्र का गोचर ना तो आपके लिए अच्छा है और ना ही आपके जीवनसाथी के लिए। लिहाजा एक सेहतमंद जीवन के लिए स्वास्थ्य पर ध्यान दें और एक दूसरे का ख़ास ख्याल रखें। विशेष रूप से इस गोचरकाल में जहाँ तक संभव हो घर का बना खाना ही खाए। कुल मिलाकर देखें तो शुक्र का ये गोचर आपके लिए सामान्य रूप से फलदायी साबित हो सकता है।
कर्क - इस गोचरकाल में शुक्र का प्रवेश कर्क राशि के छठे भाव में होगा। आपकी कुंडली में शुक्र की ये स्थिति मुख्य रूप से जीवन की कठिनाईओं को बढ़ा सकती है। लिहाजा आपके लिए शुक्र के गोचर का ये समय खासतौर से चुनौती पूर्ण साबित हो सकता है। इस दौरान आप ज़मीन-जायदाद या प्रॉपर्टी से जुड़े किसी विवाद में फँस सकते हैं। यदि कोई नयी प्रॉपर्टी खरीदना या बेचना चाह रहे हैं तो, कुछ वक़्त और इंतज़ार कर लें अन्यथा नुक़सान उठाना पड़ सकता है। यदि आप किसी नए काम की शुरुआत करने की सोच रहे हैं तो, इस वक़्त कोई भी महत्वपूर्ण कदम ना उठाए क्योंकि इस वक़्त काम में कोई बाधा उत्पन्न हो सकती है। इस गोचरकाल में कुछ चीजों को लेकर आप निराश हो सकते हैं लेकिन अपना आत्मविश्वास बनाएँ रखें और नकारात्मक प्रभावों से खुद को दूर रखें। कार्यस्थल पर किसी महिला सहकर्मी के साथ मतभेद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। हालाँकि इस दौरान यही प्रयास करें कि किसी से उलझे ना और विशेष रूप से महिलाओं का सम्मान ज़रूर करें। चूँकि गोचर की इस अवधि में आपके शत्रु पक्ष प्रबल होंगें, लिहाजा थोड़ा सचेत रहे और सोच विचार कर ही कोई कदम उठाए। स्वास्थ्य के लिहाज से देखें तो इस गोचरकाल के दौरान आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ समस्याओं से दो चार होना पड़ सकता है। बहरहाल अपनी सेहत को लेकर किसी भी प्रकार की असावधानी ना बरतें। जरुरत पड़ने पड़ डॉक्टरी सलाह मशवरा भी अवश्य लें। शादीशुदा जातकों की इस समय अपने जीवनसाथी के साथ किसी बात को लेकर मतभेद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। जीवनसाथी के साथ होने वाले मतभेदों को प्यार से सुलझाने का प्रयास करें, अपने अहम को इस समय किनारे रखें। शुक्र के गोचर की इस अवधि में आर्थिक रूप से आपको थोड़ा सावधान रहने की जरुरत होगी, क्योंकि इस दौरान आपके ख़र्चें बढ़ सकते हैं। आपके लिए ये गोचर काल मिला जुला परिणाम देने वाला साबित होगा।
सिंह - इस गोचर के दौरान शुक्र आपकी राशि से पांचवें भाव में स्थापित होंगें। सिंह राशि के जातकों के लिए ये गोचर विभिन्न स्तरों पर लाभदायी साबित हो सकता है। शुक्र के धनु राशि में होने वाले इस गोचर के दौरान आप विशेष रूप से कुछ ऐसे लोगों के संपर्क में आ सकते हैं जिनके साथ आपके अच्छे संबंध स्थापित होंगें। आपकी कुंडली में शुक्र की ये स्थिति खासतौर से आपके आर्थिक जीवन के लिए लाभकारी साबित हो सकती है। इस दौरान आपको विभिन्न स्रोतों से लाभ मिलने की उम्मीद है। यदि आप किसी बिज़नेस से जुड़े हैं तो, उसमें आपको तरक्की मिल सकती है। हालांकि यदि आपका कोई बिज़नेस पार्टनर है तो, उससे संभलकर रहें। दूसरी तरफ नौकरीपेशा लोगों के लिए इस समय कार्य स्थल पर किसी लापरवाही के चलते कठिनाईओं का सामना करना पड़ सकता है। आपको इस दौरान विशेष मेहनत की आवश्यकता होगी तभी कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी। प्रेम जीवन के लिए गोचर का ये समय बेहद अनुकूल है। इस अवधि में आप अपने पार्टनर से उन सभी बातों को साझा कर पाएंगे जिसे कहने में आप संकोच महसूस करते थे। इसके साथ ही एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा वक़्त भी गुजार पाएंगे। विवाहित जातकों को हर परिस्थिति में उनके जीवनसाथी का भरपूर साथ मिलेगा। परिवार में छोटे बच्चों की सेहत को लेकर तनाव में रह सकते हैं, इसलिए उनका विशेष ध्यान रखें। बच्चे माँ बाप की उम्मीदों पर खड़े उतरेंगे और अपने क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा इस गोचर काल में आपकी जिस क्षेत्र में विशेष रुचि होगी उसे करने के लिए आपको ज्यादा वक़्त मिल पाएगा।
कन्या - कन्या राशि में शुक्र का गोचर चौथे भाव में होगा। आपकी कुंडली में शुक्र की ये स्थिति आपके लिए बेहद अनुकूल साबित हो सकती है। सबसे पहले बात करें पारिवारिक जीवन की तो, इस गोचरकाल के दौरान परिवार में नई ख़ुशियाँ आएँगी और माता-पिता एवं भाई बहनों के साथ आप अच्छा वक़्त गुजार पाएंगे। शुक्र के शुभ प्रभाव से आपके भौतिक सुखों में वृद्धि हो सकती है, लिहाजा इस अवधि में आप परिवार के लिए वाहन या अन्य कोई महंगी वस्तु ख़रीद सकते हैं। आर्थिक रूप से देखें तो, इस दौरान आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत ज़रूर रहेगी लेकिन व्यर्थ की चीजों पर धन का व्यय ज्यादा होगा। इस गोचरीय अवधि में आपके लिए रियल एस्टेट या प्रॉपर्टी के क्षेत्र में निवेश करना फ़ायदेमंद साबित हो सकता है। स्वास्थ्य के लिहाज से आपके लिए ये समय काफी बेहतर साबित हो सकता है। एक तरफ जहाँ आप शारीरिक रूप से खुद को पूरी तरह से ऊर्जावान महसूस करेंगे, वहीं दूसरी तरफ आपको लंबे समय से चले आ रहे मानसिक तनाव से भी छुटकारा मिलेगा। कामकाजी लोगों को कार्यक्षेत्र में अपनी प्रतिभा को साबित करने का विशेष अवसर मिलेगा। आपके उच्च अधिकारी आपके काम से खुश होंगें और आपको उनका भरपूर साथ भी मिलेगा। यदि आप सरकारी नौकरी में हैं तो, इस अवधि में आपका तबादला किसी ऐसी जगह पर हो सकता है जिसका इंतज़ार आप काफी लंबे समय से कर रहे थे। शुभ फलदायी ग्रह शुक्र के प्रभाव से आपको वैवाहिक जीवन में भी शुभ फलों की प्राप्ति होगी। शादीशुदा जातक इस समय अपने जीवनसाथी के साथ किसी पसंदीदा जगह पर घूमने जा सकते हैं। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को इस गोचरकाल में शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। जिस चीज के लिए आप जी जान से मेहनत कर रहे थे उसमें आपको मनमाफ़िक सफलता मिल सकती है। आपके लिए शुक्र के गोचर की ये अवधि विशेष फलदायी साबित होगी।
तुला - इस गोचर के दौरान शुक्र आपकी राशि से तीसरे भाव में स्थापित होंगें। तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र का ये गोचर विशेष फलदायी साबित हो सकता है। गोचर की इस अवधि में आपका ध्यान खासतौर से लक्ष्य प्राप्ति पर होगा जिससे आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल भी हो सकते हैं। शुक्र के शुभ प्रभाव के फलस्वरूप आपकी भाषा शैली में भी बदलाव आ सकता है, आप अपने बोलने के अंदाज़ से दूसरों को प्रभावित करने में सफल रहेंगे। पारिवारिक स्तर पर इस गोचरकाल के दौरान आप अपना ज्यादा से ज्यादा वक़्त छोटे भाई बहनों के साथ बीता सकते हैं। घर में किसी मेहमान के आने से चहल पहल रहेगी और परिवार का माहौल खुशनुमा बना रहेगा। सामाजिक स्तर पर देखें तो इस गोचरकाल के दौरान आप विशेष रूप से नए लोगों के संपर्क में आएँगे जिनके साथ आपकी अच्छी बनेगी। बहरहाल इस दौरान सामाजिक तौर पर आप सक्रिय रहेंगे जिससे जीवन में सकारात्मकता आएगी। इस गोचरकाल में आपको अचानक ही किसी ऐसी यात्रा पर जाना पड़ सकता है जो आपके भविष्य के लिए फ़ायदेमंद साबित होगा। निजी स्तर पर आप आपका रुझान धर्म-कर्म के कार्यों की तरफ ज्यादा देखा जाएगा। संभव है की इस दौरान आप किसी धार्मिक यात्रा पर भी जाएँ। दूसरी तरफ ये गोचर की अवधि आपके स्वास्थ्य के लिहाज से थोड़ी परेशानी उत्पन्न कर सकती है। लिहाजा इस दौरान आपको अपनी सेहत का विशेष ख्याल रखना होगा, विशेष रूप से यदि आप डायबिटीज़ या ब्लड प्रेशर के मरीज़ हैं तो आपको विशेष ध्यान देने की ज़रूरत होगी। कामकाजी लोगों के इस गोचरीय अवधि में कार्यक्षेत्र में उच्च अधिकारी या सहकर्मियों के साथ अच्छे संबंध स्थापित होंगें। कार्यस्थल पर आपके काम की सराहना होगी और आपके अंदर आत्मविश्वास का भाव पैदा होगा। हालाँकि यदि आप बिज़नेस के क्षेत्र में अपनी किस्मत आज़माना चाहते हैं तो, इस समय आप नए काम की शुरुआत कर सकते हैं।
वृश्चिक -वृश्चिक राशि में शुक्र का प्रवेश दूसरे भाव में होगा। शुक्र का ये गोचर आपके लिए खासतौर से बिज़नेस और कार्यक्षेत्र के लिहाज से विशेष फलदायी साबित हो सकता है। जहाँ एक तरफ कार्यक्षेत्र में आप अपनी मेहनत और लगन के बल पर अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहेंगे, वहीं दूसरी तरफ किसी मित्र के साथ साझेदारी में बिज़नेस की शुरुआत कर आप मुनाफ़ा कमा सकते हैं। यदि आप शादीशुदा हैं तो, बिज़नेस की शुरुआत में आपको अपने जीवनसाथी का साथ भी मिल सकता है। पारिवारिक स्तर पर भी इस गोचर के दौरान आपको विशेष फलों की प्राप्ति हो सकती है। इस दौरान परिवार में किसी शुभ कार्य का समापन हो सकता है। विवाह योग्य जातकों के लिए इस गोचर की अवधि में शादी का रिश्ता आ सकता है। इसके साथ ही साथ यदि आप किसी से प्रेम करते हैं तो, उन्हें अपने परिवार से मिलवाने के लिए ये उत्तम समय है। शुक्र के इस गोचर के फलस्वरूप आपकी भाषा शैली में ज़बरदस्त बदलाव देखने को मिल सकता है। इसके फलस्वरूप लोग आपकी बातों से आकर्षित होंगें और आपके द्वारा कही बातों को विशेष महत्व भी देंगे। पारिवारिक स्तर पर इस दौरान आपके माता-पिता आपसे बेहद खुश होंगे और घर में शांति का माहौल रहेगा। माता पिता के साथ इस गोचरकाल में आप किसी छोटी यात्रा पर भी जा सकते हैं। आर्थिक रूप से आपके लिए गोचर की ये अवधि फलदायी साबित हो सकती है। इस समय आपको विभिन्न स्रोतों से धन लाभ हो सकता है। शेयर मार्किट या प्रॉपर्टी के लेन- देन में पैसों का निवेश करना आपके लिए फलदायी साबित हो सकता है। आपके लिए शुक्र के गोचर की ये अवधि सामान्य से अधिक फलदायी साबित होगी।
धनु -शुक्र का गोचर धनु राशि में ही होने की वजह से ये आपकी राशि से प्रथम भाव में स्थापित होंगे। प्रथम भाव को ज्योतिषशास्त्र में लग्न भाव भी कहा जाता है। इस गोचरकाल के दौरान आपको अपनी सेहत का विशेष रूप से ध्यान रखना होगा। इस दौरान आपको स्वास्थ्य से जुड़ी किसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। सेहतमंद रहने के लिए खासतौर से अपनी डाइट का विशेष ध्यान रखें, अस्वस्थ और तली भूनी चीजों से परहेज रखें। इस बात का हमेशा ध्यान रखें की एक स्वस्थ्य जीवन के लिए एक स्वस्थ्य शरीर का होना बेहद आवश्यक है। बहरहाल अपने खान पान का ख़ास ख्याल रखें और एक स्वस्थ्य जीवन की तरफ अपने कदम बढ़ाएं। शुक्र के इस गोचर के दौरान आपको आर्थिक रूप से विशेष फल की प्राप्ति हो सकती है। पूर्व में किये किसी निवेश का मुनाफ़ा आपको अब जाकर मिल सकता है। दूसरी तरफ व्यापारियों को उनके व्यापार के विस्तार का अच्छा मौका मिलेगा और बिज़नेस से लाभ प्राप्त होगा। नौकरी पेशा लोगों को कार्यक्षेत्र में उनके काम के लिए बॉस से तारीफ सुनने को मिल सकती है। अपने सहकर्मियों से सावधान रहें, उनका स्वभाव आपके प्रति क्रूर हो सकता है। इस गोचरकाल के दौरान आप निजी स्तर पर अपने दोस्तों और करीबियों के साथ ज्यादा से ज्यादा वक़्त गुजार पाएंगे। पारिवारिक जीवन भी सुख शांति से भरा होगा, मुसीबत के वक़्त आपका परिवार आपके साथ खड़ा होगा। यदि आप शादीशुदा हैं तो, इस गोचरीय अवधि में आपको थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी। जीवनसाथी के साथ वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, इसलिए इस स्थिति से बचने के लिए कुछ बातों को नज़रअंदाज़ करना ही हितकर होगा। आपके लिए शुक्र का ये गोचर मध्यम फलदायी साबित होगा।
मकर -इस गोचर के दौरान शुक्र आपकी राशि से बारहवें भाव में विराजमान होंगें। शुक्र का ये गोचर विशेष रूप से मकर राशि के छात्रों के लिए विशेष फलदायी साबित हो सकता है। उच्च शिक्षा प्राप्ति के लिए विदेश जाने की इच्छा रखने वाले छात्रों को इस दौरान सुनहरा मौका मिल सकता है। दूसरी तरफ मकर राशि के वो जातक जो किसी मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत हैं उन्हें भी इस गोचरकाल में अपने काम के सिलसिले में विदेश जाने का मौका मिल सकता है। आर्थिक रूप से देखें तो इस गोचर में आपको आर्थिक तौर पर नुकसान उठाना पड़ सकता है। बहरहाल इस दौरान आपको अपने ख़र्चों पर काबू रखना होगा अन्यथा आर्थिक तंगी का शिकार होना पड़ सकता है। हालाँकि इस अवधि में आपके लिए आय के नए मार्ग भी प्रशस्थ हो सकते हैं। शुक्र के शुभ प्रभाव के फलस्वरूप आपके भौतिक सुखों में वृद्धि होगी और आप आधुनिक सुख सुविधाओं का भरपूर लाभ उठा पाएंगे। इस दौरान आर्थिक नुकसान से बचने के लिए केवल जरूरी चीजों पर ही धन खर्च करें। यदि आप विवाहित हैं तो, जीवनसाथी के साथ किसी बात को लेकर आपका मन मुटाव हो सकता है। आपके लिए बेहतर होगा कि गोचर की इस अवधि में जीवनसाथी के साथ होने वाले वाद विवाद से बचकर रहें। प्रेम जीवन के लिए ये समय अनुकूल रहेगा लेकिन आपको पार्टनर की मनोस्थिति का ख़ास ख़्याल रखना होगा। क्योंकि आपकी कोई बात आपके पार्टनर के मन को चोट पहुंचा सकती है इसलिए अपनी वाणी पर संयम ज़रूर बरतें। आपके लिए शुक्र के गोचर की ये अवधि मिला जुला परिणाम देने वाला साबित होगी।
कुंभ -कुंभ राशि में शुक्र इस गोचरकाल में ग्यारहवें भाव में विराजमान होंगे। आपकी कुंडली में शुक्र की ये स्थिति आपके लिए फलदायी साबित हो सकती है। इस गोचरकाल के दौरान आर्थिक रूप से आपको लाभ मिलने की संभावना है। अनायास ही किसी स्रोत से आपको धन की प्राप्ति हो सकती है, लेकिन इस दौरान ख़र्चों में इज़ाफा होने की वजह से धन हानि के आसार भी नजर आ रहे हैं। बहरहाल आर्थिक संतुलन बरक़रार रखने का प्रयास करें अन्यथा किसी मुसीबत में पड़ सकते हैं। शुक्र का शुभ प्रभाव आपके प्रेम जीवन पर पड़ सकता है। इस गोचर के दौरान आप अपने पार्टनर के साथ काफी अरसे के बाद कुछ रोमांटिक पल बीता पाएंगे। आप दोनों एक दूसरे की भावनाओं को समझेंगे और इससे आपस में और भी प्यार बढ़ेगा। इसके अलावा आप अपने ख़ास दोस्तों और करीबियों के साथ अपने पसंदीदा जगह पर घूमने जा सकते हैं। दोस्तों के साथ आप जीवन के बेहतरीन पलों का आनंद उठा पाएंगे। सामाजिक स्तर पर भी आपके लिए शुक्र का ये गोचर फलदायी साबित होगा, इस दौरान आप सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे। बहरहाल समाज में आपके मान मर्यादा में वृद्धि होगी और आप प्रभावशाली लोगों के संपर्क में आएँगे। इस दौरान आपकी मुलाकात किसी ऐसे व्यक्ति से होगी जो भविष्य में आपका अच्छा दोस्त साबित होगा। पारिवारिक रूप से आपके लिए गोचर की ये अवधि सहायक साबित होगी। मुसीबत की घड़ी में आपका परिवार आपके साथ खड़ा रहेगा और भाई बहनों का साथ आपके आत्मविश्वास को मजबूत बनाएगा। गोचर की इस अवधि के दौरान कार्यक्षेत्र में आपके काम की सराहना होगी और आप दूसरों के बीच प्रशंसा के पात्र बन सकते हैं। आपके लिए गोचर की ये अवधि सामान्य फलदायी साबित होगी।
मीन -इस गोचर के दौरान शुक्र आपकी राशि से दसवें भाव में विराजमान होंगे। मीन राशि के जातकों के लिए गोचर की ये अवधि मिला जुला परिणाम देने वाला साबित होगी। नौकरी पेशा लोगों को इस दौरान कार्यक्षेत्र में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। हालाँकि कार्यस्थल पर मिलने वाली ये चुनौतियाँ आपके लिए सकारात्मक फलदायी भी साबित होंगी। यदि आप किसी बिज़नेस से जुड़े हैं तो इस अवधि में आपको व्यापार में अच्छा ख़ासा मुनाफ़ा मिल सकता है। इस दौरान आपके द्वारा बिज़नेस के विस्तार के लिए उठाये गए कदम प्रभावी साबित हो सकते हैं। शुक्र का हानिकारक प्रभाव आपकी भाषा शैली में परिवर्तन ला सकता है। इस दौरान दूसरों से बातचीत के दौरान अपनी वाणी की मधुरता को बनाए रखें, किसी से भी ऐसी कोई बात ना कहें जिससे उनके दिल को चोट पहुँचती हो। आपके दुश्मन इस दौरान आप पर हावी होने का प्रयास करेंगे, लेकिन आप अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए इस परिस्थिति से बच सकते हैं। इस समय परिवार का माहौल थोड़ा चिंताजनक रहेगा। परिवार में छोटे भाई बहनों के साथ आपका मतभेद हो सकता है, इस दौरान विशेष रूप से आपको ऐसी परिस्थिति में अपनी वाणी पर संयम बरतना होगा। पैतृक संपत्ति या ज़मीन जायदाद से जुड़ा कोई मामला परिवार में कलह की वजह बन सकता है। विवाहित जातकों को अपने जीवनसाथी के साथ कुछ पल सुकून के बिताने का मौका मिल सकता है। स्वास्थ्य के लिहाज से आपके लिए ये गोचरकाल नुक़सानदेह साबित हो सकता है। लिहाजा इस अवधि में विशेष रूप से अपनी सेहत का ख़ास ख्याल रखें। मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र का ये गोचर निम्न फलदायी साबित हो सकता है।
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