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Showing posts from August, 2019

मखाने का रायता

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मखाने का रायता रंजीता अनीष व्यास की रसोई में आपका हार्दिक स्वागत है। स्वाद भरी दुनिया ग्रुप आप सभी के लिए है। आप सभी नई नई स्वादिष्ट डिश बनाई है और स्वाद भरी दुनिया ग्रुप में भेजिए ।  मखाने को हम सब सूखे मेवे के रूप में जानते है लेकिन मखाने में आसानी से पचने वाले प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, आयरन, थायमिन और फ़ॉस्फ़ोरस की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसलिए बाकि सूखे मेवे के साथ इसे भी डाइट में ज़रूर शामिल करना चाहिए। वैसे तो मखाने का रोज़ सेवन करना चाहिए क्योंकि यह हमारे शरीर को तुरन्त एनर्जी प्रदान करता है। इसके अलावा दही में प्रोटीन, कैल्शियम, राइबोफ़्लेविन, विटामिन बी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो स्वास्थ्य और सेहत के लिए बेहद फ़ायदेमंद है। तो इन दोनों के मिश्रण से एक एनर्जेटिक रेसपी तैयार होती है।  आज हम फूले हुये मखाने को भून कर बनाया जाने वाला मखाने का रायता बनायेंगे ।  भुने मखाने दही में थोड़ी देर रहने के बाद यह रायते का स्वाद ही बदल जाता है और मखाने का राइट ठंडा रहता है गर्मी में बनाकर पीने से सेहत भी अच्छी रहती है ।   खाने के साथ रायता उसके स्वाद मे...

सौभाग्य की प्राप्ति का पर्व...हरताल‍िका तीज

सौभाग्य की प्राप्ति का पर्व... हरताल‍िका तीज रंजीता  व्यास   लेखिका  हरताल‍िका तीज की महिमा को अपरंपार माना गया है ।  हिन्‍दू धर्म में विशेषकर सुहागिन महिलाओं के लिए इस पर्व का महात्‍म्‍य बहुत ज्‍यादा है ।   हरतालिका तीज व्रत हिंदू धर्म में मनाये जाने वाला एक प्रमुख व्रत है। भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज मनाई जाती है। दरअसल भाद्रपद की शुक्ल तृतीया को हस्त नक्षत्र में भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का विशेष महत्व है। हरतालिका तीज व्रत कुमारी और सौभाग्यवती स्त्रियां करती हैं। हरतालिका तीज व्रत निराहार और निर्जला किया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए किया था। हरतालिका तीज व्रत करने से महिलाओं को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। हरियाली तीज और कजरी तीज की तरह ही हरतालिका तीज के दिन भी गौरी-शंकर की पूजा की जाती है । हरतालिका तीज का व्रत बेहद कठिन है ।  इस दिन महिलाएं 24 घंटे से भी अधिक समय तक निर्जला व्रत करती हैं ।  यही नहीं रात के समय महिलाएं जागरण करती हैं औ...

लोकदेवता बाबा रामदेव जी जय.…रामसा पीर की जय !!

खम्मा-खम्मा हो म्हारा रुणिचै रा धनियां...!! अनीष   व्यास   स्वतंत्र   पत्रकार राजस्थान में अनेक ऐसे महापुरूष हुए जिन्होंने मानव देह धारण कर अपने कर्म और तप से यहां के लोक जीवन को आलोकित किया। उनके चरित्र, कर्म और वचनबद्धता से उन्हें जनमानस में लोकदेवता की पदवी मिली और वे जन−जन में पूजे जाने लगे। ऐसे ही लोकदेवताओं में बाबा रामदेव जिनका प्रमुख मंदिर जैसलमेर जिले के रामदेवरा में है, सद्भावना की जीती जागती मिसाल हैं। हिन्दू समाज में वे "बाबा रामदेव" एवं मुस्लिम समाज "रामसा पीर" के नाम से पूजनीय हैं। म्हारो हेलाे सुनो जी रामा पीर.., घणी-घणी खम्मा बाबा रामदेव जी नै..., पिछम धरां स्यूं म्हारा पीर जी पधारिया..., घर अजमल अवतार लियो, खम्मा-खम्मा हो म्हारा रुणिचै रा धनियां ...जैसे भजनों पर झूमते-नाचते हुए  श्रद्धालु  रामदेवरा  पहुच रहे है।   राजस्थान में पोकरण से क़रीब 12 किलोमीटर दूर रामदेवरा में मध्यकालीन लोक देवता बाबा रामदेव के दर्शन के लिए इन दिनों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है।  बाबा रामदेव को कृष्ण भगवान का अवतार मान...

श्री श्रीमाली ब्राह्मण समाज का "अणगा मेला" आज...!!

श्री श्रीमाली ब्राह्मण समाज का "अणगा मेला" आज...!! श्री श्रीमाली ब्राह्मण समाज जोधपुर का पारस्परिक सहयोग एवं एकता का प्रतीक "अणगा मेला" मारवाङ की प्राचीन राजधानी मंङोर की सुरम्य भौगिशैल पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित तपोस्थली सूखेश्वर महादेव मंदिर पंचकुंड में धूमधाम से आज मनाया जायेगा । अणगा मेला की परंपरा के अनुरूप सभी श्रीमाली ब्राह्मणों के घर आज मुख्यतः पानी के पिरंडे पर काजल से नाग देवता बनाकर उनकी पूजा अर्चना कर एक दिन पहले बनाया गया (शीतलाष्टमी की तरह सारे पकवान) ठंडा भो जन करने की परंपरा हैं । जो आज भी कई वषौ से निभायी जा रही है। श्री श्रीमाली ब्राह्मण समाज की ओर से आज सभी के लिए निशुल्क बसों की व्यवस्था विभिन्न स्थानों से पंचकुंड तक की जाती है एवं पंचकुंड में आज विशेष सजावट के साथ मेला भरा जाता है। जिसमें झूले,विभिन्न दुकानें, खिलौने और समाज की ओर से रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। देवाधिदेव सुखेश्वर महादेव की जय...!! श्री श्रीमाली ब्राह्मण समाज के सभी बंधुओं एवम् परिवार को अणगा मेला की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं...!! सादर / साभार अन...

मावा गुजिया

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मावा गुजिया  रंजीता अनीष व्यास की रसोई में आपका हार्दिक स्वागत है। स्वाद भरी दुनिया ग्रुप आप सभी के लिए है। आप सभी नई नई स्वादिष्ट डिश बनाई है और स्वाद भरी दुनिया ग्रुप में भेजिए ।  उत्तर भारत में त्योंहार के अवसर पर गुजिया जरूर बनाई जाती है। राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में त्योंहार  के मौके पर बड़े स्तर पर गुजिया बनाई जाती है। आप चाहे तो इन स्वादिष्ट गुजिया को आसानी से घर पर बना सकते हैं।  सामग्री गूंथने के लिए घी- 3 चम्मच मैदा- 1 कप पानी- आवश्यकतानुसार नमक- चुटकी भर फीलिंग बनाने के लिए: 2/3 कप खोया 3 टी स्पून घी डीप फ्राई करने के लिए तेल 1/2 कप सूखे अंजीर 1/2 कप खजूर, टुकड़ों में कटा हुआ 10 काजू, टुकड़ों में कटा हुआ 10 बादाम, टुकड़ों में कटा हुआ 10 अखरोट, टुकड़ों में कटा हुआ वि​धि मैदे में घी और पानी डालकर थोड़ा सख्त आटा गूंथ लें। 15 मिनट के लिए सूती गीले कपड़े से आटे को ढककर रख दें।  फीलिंग बनाने के लिए एक नॉनस्टिक पैन में खोया डालकर 3 मिनट के भूनें। फिर इसे ठंडा होने के लिए एक साइड रख दें। इसके बाद इसमें अं...

कोकोनट गुझिया

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कोकोनेट गुझिया रंजीता अनीष व्यास की रसोई में आपका हार्दिक स्वागत है। स्वाद भरी दुनिया ग्रुप आप सभी के लिए है। आप सभी नई नई स्वादिष्ट डिश बनाई है और स्वाद भरी दुनिया ग्रुप में भेजिए ।  उत्तर भारत में त्योंहार के अवसर पर गुजिया जरूर बनाई जाती है। राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में त्योंहार के मौके पर बड़े स्तर पर गुजिया बनाई जाती है। आप चाहे तो इन स्वादिष्ट गुजिया को आसानी से घर पर बना सकते हैं।  सामग्री गूंथने के लिए घी- 3 चम्मच मैदा- 1 कप पानी- आवश्यकतानुसार नमक- चुटकी भर भरावन के लिए मावा- 1 कप दरदरी पिसी चीनी- 1 कप पिस्ता- 100 ग्राम नारियल का बूरा- 100 ग्राम तेल- आवश्यकतानुसार चाशनी- गुझिया डुबोने के लिए विधि: एक बाउल में मैदा, घी और नमक डालकर मिलाएं। धीरे-धीरे पानी डालते हुए कड़ा गूंद लें। गूंदे हुए मैदे को छोटे-छोटे हिस्से में बांट दें। भरावन तैयार करने के लिए मावे को भूनें और उसमें चीनी, पिस्ता और नारियल का बूरा डालें। गैस ऑफ करें और मिश्रण को ठंडा होने दें। अब गूंदे हुए मैदे से छोटी-छोटी पूरियां बेल लें। ...

बेक्ड रसगुल्ला

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बेक्ड रसगुल्ला रंजीता अनीष व्यास की रसोई में आपका हार्दिक स्वागत है। स्वाद भरी दुनिया ग्रुप आप सभी के लिए है। आप सभी नई नई स्वादिष्ट डिश बनाई है और स्वाद भरी दुनिया ग्रुप में भेजिए। सामग्री बीच से कटा रसगुल्ला- 8 पनीर- 1 कप दूध- 1/4 कप शहद- 3 चम्मच कॉर्नफ्लोर- 2 चम्मच केसर- चुटकी भर इलायची पाउडर- चुटकी भर विधि रसगुल्ला को एक मिनट के लिए पानी में रखें, पानी से निकालें और उस पानी को फेंक दें। इस प्रक्रिया को चार से पांच बार करें ताकि रसगुल्ले से सारी चाशनी निकल जाए। कॉर्नफ्लोर को दो चम्मच पानी में मिला दें। केसर को एक चम्मच पानी में डालकर छोड़ दें। अब एक बरतन में पनीर, दूध, शहद, रसगुल्ले, कॉर्नफ्लोर वाला मिश्रण, केसर और इलायची पाउडर डालकर अच्छी तरह से मिलाएं। मिक्सर में डालकर बारीक पेस्ट बनाएं और एक ओर रख दें। इस मिश्रण के छोटे-छोटे रसगुल्ले बनाएं और शीशे के आयताकार बेकिंग वाले बरतन में डालें। पहले से गर्म ओवन में 150 डिगरी संेटीग्रेट पर पांच मिनट के लिए बेक करें और सर्व करें। सादर रंजीता अनीष व्यास स्वाद भरी दुनिया ग्रुप Group link  https://www.f...

'नंद के घर आनंद भयो...जय कन्हैया लाल की'...!!

'नंद के घर आनंद भयो...जय कन्हैया लाल की'...!! गली-गली सजेगी श्रीकृष्ण की झांकी...जन्माष्टमी पर माखन चोर आएंगे आपके घर अनीष   व्यास   स्वतंत्र   पत्रकार भारत आस्था का अनूठा संगम है और इसी आस्था पर जीवित है विश्व का सबसे प्राचीनतम धर्म।   भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण का हिन्दू धर्म में एक अलग स्थान है।   जातक कथाओं और महाभारत के अनुसार मथुरा के कारागार में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म माँ देवकी के गर्भ से उस समय हुआ था जब चारों तरफ पाप , अन्याय और आतंक का प्रकोप था , धर्म जैसे ख़त्म सा हो गया था।   धर्म को पुनः स्थापित करने के लिए ही द्वापर युग में कान्हा का जन्म हुआ था।   आज भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी इसी उद्देश्य से मनाई जाती है।   भारत के प्रत्येक हिस्से में जन्माष्टमी बड़े ही धूम - धाम से मनाई जाती है | ख़ासकर उत्तर भारत में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी एक विशेष पर्व है।   वृन्दावन की गलियाँ हो या फिर सुदूर गाँव की चौपाल य...