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Showing posts from March, 2019

प्याज की कचौरी

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प्याज की  कचौरी रं जीता अनीष व्यास की रसोई में आपका हार्दिक स्वागत है। स्वाद भरी दुनिया ग्रुप आप सभी के लिए है। आप सभी नई नई स्वादिष्ट डिश बनाई है और स्वाद भरी दुनिया ग्रुप में भेजिए।  राजस्थान की सबसे फेमस प्याज की कचोरी आज भारत में ही नहीं विदेशों में भी फेमस है। सबसे बड़ी बात यह है कि राजस्थान के जोधपुर में इसका उत्पादन हुआ था और पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान बना चुकी प्याज की कचोरी सुबह नाश्ते के रूप में हर दुकान पर मिल जाती है आज आपको प्याज की कचोरी बनाना सिखा रही हूं। सामग्री  मैदा – 2 कप  तेल – ¼ कप, नमक स्वादानुसार आधा छोटा चम्मच राई आधा छोटा चम्मच साबुत धनिया 200 ग्राम प्याज बारीक कटे हुए लहसुन की कलियां हरी मिर्च बारीक कटी हुई एक बड़ा चम्मच नींबू का रस आधा छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर एक चौथाई छोटा चम्मच हल्दी पाउडर आधा छोटा चम्मच धनिया पाउडर आधा छोटा चम्मच सौंफ पाउडर कलोंजी – ½ चम्मच, बेसन – 2 चम्मच, गरम मसाला – 1 चम्मच, हरी धनिया कटी हुई, तेल – 2 चम्मच अजवाइन विधि  प्याज की कचौरी बनाने के लिए सबसे पहले कच...

अपने ही देश में हर किलोमीटर में बदल जाता है होली खेलने का तरीका

अपने ही देश में हर किलोमीटर में बदल जाता है होली खेलने का तरीका अनीष व्यास  स्वतंत्र पत्रकार भारत के हर राज्‍य में होली का त्‍यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। उत्‍तर प्रदेश से लेकर उड़ीसा और फिर पश्‍चिम बंगाल तक होली की हुडदंग छाई रहती है। रंगो का यह त्‍यौहार राज्‍य की सीमा बदलते ही नए नाम से जाना जाता है। कहीं दुल्‍हंडी तो कहीं मोहल्‍ला, जितने राज्‍य उतने ही नाम।  होली एक ऐसा भारतीय त्योहार है जो अक्सर फरवरी या मार्च के महीने के आखिरी में मनाया जाता है ।  इस साल होली 2019 का पर्व 20 मार्च को मनाया जाएगा. फाल्गुन के महीने में पड़ने वाला होली का त्योहार पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है ।  होली का त्योहार दो दिन तक चलता है पहले दिन छोटी होली मनाई जाती है और दूसरे  रंग वाली होली ।  रंग वाली होली को  दुल्हंदी  के रूप में भी जाना जाता है । 1. लट्ठमार होली  कृष्‍ण और होली का गहरा रिश्‍ता है और उसी का प्रतीक है ब्रज के बरसाना गांव में की लठ्ठमार होली। कहते हैं नंदगांव की टोलियां जब पिचकारियां लिए बरसाना पहुंचती हैं तो उन पर बरसाने की महिला...
लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई तक... नतीजे 23 मई को  आएंगे   अनीष व्यास  स्वतंत्र पत्रकार चुनाव आयोग ने  लोकसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा कर दी है ।  इस बार 7 चरणों में लोकसभा चुनाव होंगे और 23 मई को नतीजे आएंगे ।  मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनाव तिथियों की घोषणा करते हुए कहा कि सभी एजेंसियों से राय ली ।  चुनाव खर्चे पर विशेष निगरानी रखी जाएगी ।  त्‍योहारों का ध्‍यान रखा गया ।  उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव में 90 करोड़ लोग वोट डालेंगे ।  मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हम चुनाव के लिए काफी पहले से ही तैयारी कर रहे थे ।  सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के चुनाव आयुक्त से बात की ।  उन्हें तैयारी करने के लिए कह दिया गया था ।  लॉ एंड ऑर्डर की सिचुएशन भी जांची गई ।  यह सब करने के बाद ही आज हम चुनाव की घोषणा करने की स्थित में हैं । सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनावों के बीच राजस्थान में चौथे व पांचवें चरण में चुनाव होंगे।  राजस्थान में चौथे चरण का चुनाव 29 ...

वेज बर्गर...लाजवाब रेसिपी

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वेज बर्गर...लाजवाब रेसिपी रं जीता अनीष व्यास की रसोई में आपका हार्दिक स्वागत है। स्वाद भरी दुनिया ग्रुप आप सभी के लिए है। आप सभी नई नई स्वादिष्ट डिश बनाई है और स्वाद भरी दुनिया ग्रुप में भेजिए।  आज मेरे दोनों बेटे यश और श्रेयांश ने कहा की घर पर  बर्गर  बनाओ।   बर्गर एक लोकप्रिय अमेरिकन डिश है। यह स्वादिष्ट,मुंह में पानी लाने वाली एक लाजवाब रेसिपी है। अब जब भी आपके बच्चे कुछ अच्छा खाने की डिमांड करें आप उन्हें यह सिंपल और स्वादिष्ट वेजिटेबल बर्गर रेसिपी बना सकती हैं। यह रेसिपी स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहतमंद भी होती है। इस रेसिपी को घर पर बनाने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप इसके फ्लेवर और सामग्रियों को अपनी पसंद से बदल सकते हैं। इसे और लजीज बनाने के लिए आप अपनी पसंद का सॉस भी  यूज कर सकती हैं। इस वेजिटेबल बर्गर को स्कूल के लंच बॉक्स में भी पैक किया जा सकता है। सामग्री  बन - 2 खीरा - 1 बंदगोभी - 5-6 पत्ते टमाटर - 2 पनीर स्लाईस - 2 टमैटो सॉस हरे धनिये की चटनी चाट मसाला - 1 छोटी चम्मच उबले आलू - 3 (200 ग्राम) उबले मटर - ½ कप ब्रेड - 2 (क्र...
हमारे आकार की कथा रामायण  का एक प्रसंग बहुत लोकप्रिय है, जिसमें हनुमानजी की परीक्षा लेने आई सुरसा उन्हें निगलने के लिए उनके सामने जितना मुंह खोलती है, हनुमानजी अपना आकार उतना ही बड़ा कर लेते हैं। जैसे-जैसे सुरसा के खुले मुंह का आकार बढ़ता जाता है, पवन-सुत का आकार उससे कहीं ज्यादा बड़ा हो जाता है। जब सुरसा के मुंह का आकार बहुत बड़ा हो जाता है, तो हनुमान अचानक ही सूक्ष्म रूप धारण करके उसके मुंह में घुस जाते हैं और तुरंत ही निकल भी आते हैं। यह प्रसंग इतना लोकप्रिय हुआ कि तमाम समस्याओं के लिए सुरसा के मुंह का मुहावरा ही बन गया। हमारे पौराणिक आख्यानों में विराट रूप धारण करने और सूक्ष्म रूप धारण करने के ऐसे कई प्रसंग हैं। ये सभी चीजें कुछ इसी तरह से पश्चिम की सोच में भी हैं, लेकिन उन्हें जो चीज सबसे ज्यादा आकर्षित करती है, वह सूक्ष्म रूप धारण करना। गुलिवर की यात्रा कथाओं में वह कहानी सबसे लोकप्रिय है, जिसमें वह इतने बौने लोगों के देश में पहुंच जाता है, जिनका आकार आधा फुट भी नहीं है। लेकिन सूक्ष्म आकार की फंतासी को सबसे ज्यादा अपनाया है आधुनिक विज्ञान कथाओं और उनके अनुसरण से बने कार्टून च...
स्मार्ट जीवन का तनाव पिछले दस साल में हमारी दुनिया काफी बदली है। खासकर संचार की दुनिया। और इससे हमारी जिंदगी भी। यह बदलाव कितना है, इसे देखने का एक तरीका यह समझना है कि मोबाइल फोन के इस्तेमाल का रुझान इस दौरान किस तरह बदला है? अमेरिका के आंकड़े यह बताते हैं कि वहां 2008 में लोग मोबाइल फोन का इस्तेमाल एक दिन में औसतन आधे घंटे से भी कम किया करते थे। दस साल बाद अब वहां लोग हर दिन औसतन 3.3 घंटे मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं। दिलचस्प बात है कि इस दौरान कंप्यूटर का प्रति-व्यक्ति इस्तेमाल मामूली सा ही कम हुआ है। दो साल पहले वह 2.2 घंटे प्रतिदिन था, जो अब घटकर 2.1 घंटे हो गया है। मोबाइल फोन का इस्तेमाल इतना क्यों बढ़ा है, यह बिल्कुल स्पष्ट है। दस साल पहले वहां ज्यादातर लोगों के पास जो फोन होता था, उससे मुख्य काम बातचीत का ही हो सकता था। एसएमएस, कैलकुलेटर या बेसिक गेम जैसी कुछ सुविधाएं थीं, पर वे ऐसी नहीं थीं कि उनमें ज्यादा समय दिया जा सके। स्मार्टफोन तब अपने बाल्यकाल में था, उसका प्रसार भी बहुत ज्यादा नहीं हुआ था। फिर अचानक बाजार में स्मार्टफोन की बाढ़ आई और सब कुछ बदल गया। पर असल मसला य...
आखिर क्यों हमें घेर रही हैं तमाम नई बीमारियां इनफ्लुएंजा, डेंगू, मलेरिया, कंजक्टीवाइटिस जैसे संक्रमण भारत में पहले मौसमी होते थे, लेकिन अब वे साल भर हमें परेशान करते हैं। ऐसा क्यों हो रहा है? क्या इसलिए कि मौसम की अति के चलते वायरस अपना व्यवहार बदल रहे हैं? या फिर हमारी इम्यून प्रतिक्रिया बदल रही है? या फिर तेजी से बढ़ती आबादी के कारण मानव बस्तियां जंगलों पर कब्जा करती जा रही हैं, जिससे मानव और पशु एक-दूसरे के बहुत करीब रहने लगे हैं, और इससे संक्रमण बढ़ रहे हैं? कुछ मामलों में तो जंगली पशुओं को संक्रमित करने वाले वायरस अब मानव को संक्रमित करने लगे हैं? दरअसल, ये सब चीजें एक साथ हो रही हैं। तापमान के बढ़ने और बेमौसम बरसात ने मच्छरों के प्रजनन काल को भी बढ़ाया है और उनके प्रजनन क्षेत्र को भौगोलिक विस्तार भी दिया है। इसकी वजह से मलेरिया और डेंगू जैसे रोग अब साल में किसी भी समय हो सकते हैं। हाल में हुए कई अध्ययन बता रहे हैं कि इसने हमारे शरीर के सुरक्षा तंत्र पर भी असर डाला है। अमेरिका के नेशनल एकेडेमी ऑफ साइंस का एक अध्ययन बताता है कि वातावरण का तापमान 36 डिग्री सेल्शियस से ज्यादा होने ...
आतंकवाद पर प्रहार... बड़े सबक के बाद अनीष व्यास  स्वतंत्र पत्रकार रात जब पूरा देश गहरी नींद सो रहा था, तो ग्वालियर से उड़े 12 मिराज-2000 लड़ाकू विमानों ने हमें एक नई सुबह देने की भूमिका लिख दी। इतना ही नहीं, पाक अधिकृत कश्मीर के पार खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट में गिराए गए एक हजार किलो के बमों ने उस पाकिस्तान की चेतना को बुरी तरह झझकोर दिया, जिसे अपने अस्तित्व को बरकरार रखने का एकमात्र फार्मूला आतंकवाद में ही नजर आता है। भारतीय बमवर्षकों का निशाना बालाकोट के वे आतंकी शिविर थे, जिन्हें मसूद अजहर का संगठन जैश-ए-मोहम्मद संचालित करता है। कुल 12 बम गिराए गए, लेकिन एक हजार किलो के बम का अर्थ यह तो है ही कि इनकी मार का क्षेत्र बहुत बड़ा होगा। कुछ अपुष्ट खबरों में बताया गया है कि हमले में दो से तीन सौ आतंकवादी मारे गए हैं। हालांकि पाकिस्तान यह मानने को तैयार नहीं है कि हमले का कोई बड़ा असर हुआ है। अपने दावे को सही ठहराने के लिए पाकिस्तानी फौज केे प्रवक्ता ने टूटे पेड़ों और उखड़ी मिट्टी के कुछ फोटो जारी किए हैं, जो उतने ही अविश्वसनीय हैं, जितने कि आतंकवाद के बारे में पाकिस्तान के बाक...
किशोरों में बढ़ते अवसाद से लड़ने की जरूरत अनीष व्यास  स्वतंत्र पत्रकार  भारत में 13 से 17 साल के बच्चों की मौत की सबसे बड़ी वजह खुदकुशी है, जिसे तकनीकी शब्दों में ‘सेल्फ हार्म’ यानी खुद को चोट पहुंचाना कहते हैं। इसके बाद सड़क दुर्घटना को दूसरा बड़ा कारण माना गया है। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2015-16 के अनुसार, देश में 13 से 17 साल के कम से कम एक करोड़ बच्चे मानसिक रोगों से जूझ रहे हैं, लिहाजा इस मसले पर संजीदगी से सोचने की जरूरत है। बावजूद इसके, हमारे देश में किशोरों के बीच मानसिक रोगों को लेकर जागरूकता का भारी अभाव है। मानसिक बीमारियां, जिनमें अवसाद और चिंता या बेचैनी भी शामिल हैं, बचपन के अंतिम चरण और किशोरावस्था की शुरुआत में उभरती हैं, और आम तौर पर वयस्क होने के बाद भी बनी रहती हैं।  किशोरावस्था यानी 13 से 19 वर्ष की आयु के युवक युवतियाँ । इस अवस्था मे शारीरिक बदलाब होने लगते हैं जिनमें प्रमुख है मिज़ाज का बदलना,क्रोध की अधिकता,शराब का सेवन करना आम बात है जिनके कारण जीवन में अवसाद चिंता और अन्य भावनात्मक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अमेरिकी ...
सोशल मीडिया...झूठ और सच झूठ के पाँव नहीं होते, ये पुराना मुहावरा है लेकिन सोशल मीडिया पर झूठ के पंख होते हैं ।  'फ़ेक न्यूज़' पर हुए अब तक के सबसे बड़े अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों का कहना है कि झूठी ख़बरें बहुत तेज़ी से और बहुत दूर तक फैलती हैं, इस हद तक कि सच्ची ख़बरें उनके मुक़ाबले टिक नहीं पातीं । पिछले 10 सालों में अंग्रेजी में किए गए 30 लाख लोगों के सवा लाख से अधिक ट्वीट्स का गहन अध्ययन करने के बाद वैज्ञानिकों ने कहा है कि झूठी और फ़र्ज़ी ख़बरों में तेज़ी से फैलने की ताक़त होती है ।  वैसे झूठ अपने आप में कोई नई चीज नहीं है। इसकी समस्या सदियों पुरानी है। इसके समाधान की सीमाओं का किस्सा भी शायद उतना ही पुराना है। लेकिन सोशल मीडिया के इस नए दौर में झूठ ने एक नए तरीके से हमारे जीवन में दस्तक दी है। इसका नाम है फेक न्यूज। यानी ऐसी खबरें, जो होती तो झूठ हैं, लेकिन अक्सर हमारे सामने इस तरह से आती हैं कि बहुत से लोग उन पर विश्वास कर लेते हैं। जब कोई कहता है कि संयुक्त राष्ट्र ने भारत के राष्ट्रगान जन गण मन... को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रगान घोषित किया है, त...

महाशिवरात्रि :शून्य से परे है शिव का अस्तित्व

महाशिवरात्रि...शून्य से परे है शिव का अस्तित्व अनीष व्यास  स्वतंत्र पत्रकार  हजारों सालों से विज्ञान 'शिव' के अस्तित्व को समझने का प्रयास कर रहा है। जब भौतिकता का मोह खत्म हो जाए और ऐसी स्थिति आए कि ज्ञानेंद्रियां भी बेकाम हो जाएं, उस स्थिति में शून्य आकार लेता है, और जब शून्य भी अस्तित्वहीन हो जाए तो वहां शिव का प्राकट्य होता है। शिव यानी शून्य से परे।  जब कोई व्यक्ति भौतिक जीवन को त्याग कर सच्चे मन से मनन करे तो शिव की प्राप्ति होती है। उन्हीं एकाकार और अलौकिक शिव के महारूप को उल्लास से मनाने का त्योहार है महाशिवरात्रि।  महाशिवरात्र‍ि हिंदुओं का एक धार्मिक त्योहार है, जिसे हिंदू धर्म के प्रमुख देवता महादेव अर्थात शिव जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। महाशिवरात्र‍ि का पर्व फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस दिन शिवभक्त एवं शिव में श्रद्धा रखने वाले लोग व्रत-उपवास रखते हैं और विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना करते हैं।  महाशिवरात्र‍ि को लेकर  भगवान शिव से जुड़ी कुछ मान्यताएं प्रचलित हैं। ऐसा माना जाता है कि इस...